नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली में ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के करीब 500 मामले हैं और महानगर में इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की कमी है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हमने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए लोक नायक अस्पताल, जीटीबी अस्पताल और राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में विशेष केंद्र बनाए हैं लेकिन हमारे पास दवाएं नहीं हैं…रविवार को हमें इंजेक्शन नहीं मिला.’
फंगस के इलाज में प्रतिदिन प्रति मरीज पर चार से पांच इंजेक्शन का इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में वर्तमान में ब्लैक फंगस के करीब 500 मामले हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली को प्रतिदिन करीब 400 से 500 इंजेक्शन मिल रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों में इंजेक्शन बांट रही है. बाजार में इस दवा की काफी कमी है और इसका उत्पादन बढ़ाया जाना चाहिए.
म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस उन लोगों में सामान्य तौर पर होता है जिनकी प्रतिरोधी क्षमता कोविड, मधुमेह, किडनी की बीमारी, लिवर या हृदय रोग, उम्र संबंधी जटिलताओं आदि के कारण कम होती हैं.
इस तरह के रोगियों को अगर स्टेरॉयड दिया जाता है तो उनकी प्रतिरोधक क्षमता और कम हो जाती है जिससे उनमें ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है. स्टेरॉयड को डॉक्टर की सलाह पर ही उचित तरीके से दिया जाना चाहिए.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कोविड-19 रोगियों को चिकित्सकों की सलाह के बगैर स्टेरॉयड लेने से चेताया था.