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Sunday, 30 November, 2025
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शीतकालीन सत्र में दिल्ली ब्लास्ट, लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था पर हो चर्चा: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई

पत्रकारों से बात करते हुए गोगोई ने कहा कि चर्चा के लिए बहुत कम समय रखा गया है और सरकार गंभीर मुद्दों पर बात करने से बचती दिख रही है.

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नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले, असम कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद गौरव गोगोई ने रविवार को कई अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की. इनमें लाल किले के पास हुए दिल्ली ब्लास्ट की घटना भी शामिल है. उन्होंने कहा कि यह सत्र हाल के वर्षों में सबसे छोटा हो सकता है.

शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा.

पत्रकारों से बात करते हुए गोगोई ने कहा कि चर्चा के लिए बहुत कम समय रखा गया है और सरकार गंभीर मुद्दों पर बात करने से बचती दिख रही है.

उन्होंने कहा, “सत्र सिर्फ 19 दिनों का है, जिनमें से केवल 15 दिन ही चर्चा हो सकती है. यह शायद अब तक का सबसे छोटा शीतकालीन सत्र होगा. ऐसा लगता है कि सरकार खुद ही संसद को ठप करना चाहती है. हमने सुरक्षा का मुद्दा उठाया है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए. दिल्ली में जो ब्लास्ट हुआ, वह कहीं न कहीं हमारे कानूनी और गृह मंत्रालय की नाकामी को दिखाता है.”

गोगोई ने कहा कि लोकतंत्र की सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है.

उन्होंने कहा, “दूसरा मुद्दा लोकतंत्र की सुरक्षा का है. अलग-अलग राज्यों में चुनाव से पहले, दौरान और बाद में चुनाव आयोग का राजनीतिक झुकाव साफ दिख रहा है. ऐसे में क्या चुनाव प्रक्रिया संविधान के अनुसार चल पाएगी? वोटर लिस्ट और चुनावी सुरक्षा पर चर्चा ज़रूरी है.”

उन्होंने तीसरी मांग स्वास्थ्य सुरक्षा की बताई, खासकर तेज़ी से बढ़ते वायु प्रदूषण पर.

गोगोई ने कहा, “चौथा मुद्दा आर्थिक सुरक्षा का है. किसान और मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा. पांचवां मुद्दा प्राकृतिक सुरक्षा का है. देश में बाढ़, भूस्खलन और तूफान बढ़ रहे हैं, लेकिन तैयारियां नहीं हैं. हमने विदेश नीति का मुद्दा भी उठाया है, जो आजकल दूसरों के हिसाब से बनाई जा रही है.”

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में डेटा सुरक्षा भी बेहद कमजोर है.

गोगोई ने कहा, “AI के दौर में हमें जितनी तैयारी होनी चाहिए, वह संसद में कभी चर्चा का विषय नहीं बनी. ऐसा लगता है कि मौजूदा सरकार संसद की परंपरा को दफन कर रही है और लोकतंत्र की इस परंपरा को कमजोर कर रही है. इसलिए सभी विपक्षी दल इस मुद्दे पर एकजुट हैं. कल हमारी बैठक खरगे जी के साथ होगी.”

शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. विपक्षी INDIA ब्लॉक के फ्लोर लीडरों ने भी सोमवार को संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में बैठक बुलाने का निर्णय लिया है.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दोनों सदनों के फ्लोर लीडरों से मुलाकात की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जयपी नड्डा, अरुण मेघवाल सहित कई मंत्री बैठक में शामिल हुए.

रिजिजू ने कहा कि सरकार विपक्ष की बातें सुनेगी.

रिजिजू ने कहा, “आज सर्वदलीय बैठक है. हम सभी दलों के नेताओं के साथ बैठेंगे और उनकी बातें सुनेंगे. सरकार की तरफ से आज ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे. विपक्ष की बात सुनेंगे. शाम को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक है. लोकसभा की बैठक 4 बजे और राज्यसभा की 5 बजे है. हम अपना प्रस्ताव इन बैठकों में पेश करेंगे.”

उन्होंने उम्मीद जताई कि शीतकालीन सत्र शांतिपूर्वक चलेगा. उन्होंने कहा, “यह शीतकालीन सत्र है, उम्मीद है सब लोग ठंडे दिमाग से काम करेंगे और बहस गरम नहीं होगी. यदि शांति से काम होगा, तो देश का फायदा होगा और सत्र सुचारू चलेगा.”

संसद में 19 दिनों में कुल 15 बैठकें होंगी. निजी सदस्यों के विधेयक 5 और 19 दिसंबर को, जबकि निजी सदस्यों के संकल्प 12 दिसंबर को लिए जाएंगे.

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