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नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने सोमवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की मौजूदगी में 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी।
इस दौरान दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश वर्मा समेत कई विधायक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
विधानसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा कि 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र को 45 दिनों के भीतर स्थापित किया जाना है और यह सदन की मौजूदा सौर ऊर्जा बुनियादी अवसंरचना का महत्वपूर्ण रूप से विस्तार करेगा।
बयान में कहा गया है कि 500 किलोवाट संयंत्र को स्थापित किए जाने के लिए पुरानी 200 किलोवाट की सौर प्रणाली को हटाया जा रहा है। इसमें इतनी क्षमता है कि विधानसभा के सभी कार्य पूरी तरह सौर ऊर्जा से किए जा सकेंगे।
बयान के अनुसार, इस पहल से बिजली बिल शून्य हो जाएगा, जिससे प्रति माह लगभग 15 लाख रुपये की बचत होगी और विधानसभा परिसर से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।
बयान में कहा गया है कि दिल्ली विधानसभा जल्द ही पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होने वाली भारत में पहली विधानसभा बन जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह परियोजना 45 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी और शून्य बिजली बिल के माध्यम से विधानसभा को सालाना 1.75 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की पूरी लागत एक साल के भीतर वसूल हो जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हरित ऊर्जा के इस संदेश को दिल्ली के लोग अपनाएंगे और अपनी छतों पर सौर पैनल लगाएंगे।’’
सक्सेना ने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखना एक ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) विधानसभा की एक और महत्वाकांक्षी परियोजना में मदद करेगा, ताकि इसे एक विरासत स्थल में बदला जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार शहर में सौर ऊर्जा नेटवर्क स्थापित करने के लिए काम कर रही है, जिसके तहत हर सरकारी और निजी इमारत में सौर पैनल लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल, दिल्ली को व्यस्त समय में करीब 9,000 मेगावाट बिजली की जरूरत है। सौर पैनल के जरिए लोग बिजली पैदा कर सकेंगे, उसका इस्तेमाल कर सकेंगे और सरकार को बेच भी सकेंगे।’’
भाषा आशीष नरेश
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