नई दिल्ली: एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) नाम की संस्था के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सबसे ज्यादा उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ हैं. चुनावी हलफनामों में उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ दर्ज़ गंभीर आपराधिक मामले की घोषणा की है.
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सबसे ज्यादा दागी है. एडीआर की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. आप के बाद भाजपा के उम्मीदवार दागी हैं.
सभी 673 उम्मीदवारों में से 210 राष्ट्रीय दलों से, 90 राज्य दलों से, 224 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 148 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इस साल 95 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं जबकि 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 71 पार्टियों ने चुनाव लड़ा था.
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सबसे ज्यादा दागी
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 133 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ हैं. इनकी संख्या 20 प्रतिशत है. वहीं 104 उम्मीदवारों पर यानी कि 15 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज़ हैं.
गंभीर आपराधिक मामलों के लिए एडीआर ने जो मापदंड रखे हैं उनमें पांच साल या उससे अधिक सज़ा वाले अपराध, गैर-जमानती अपराध, हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कार से संबंधित अपराध, महिलाओं से संबंधित अपराध शामिल हैं.
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आपराधिक मामलों में संलिप्त उम्मीदवारों की संख्या में 2015 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार वृद्धि हुई है. 2015 के चुनाव के दौरान 17 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ थे वहीं 11 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज़ थे.
2020 में हो रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में 20 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ हैं वहीं 15 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं.
इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा आपराधिक मामले आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों पर है. आप के 70 में से 42 (60 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज़ हैं. वहीं भाजपा के 67 में से 26 (39 प्रतिशत), कांग्रेस के 66 में से 18 (27 प्रतिशत), बसपा के 66 में से 12 (18 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज़ हैं.
गंभीर आपराधिक मामले में भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है. आप के 51 प्रतिशत, भाजपा के 25 प्रतिशत, कांग्रेस के 20 प्रतिशत और बसपा के 15 प्रतिशत उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज़ है. रिपोर्ट के अनुसार 32 उम्मीदवारों ने महिलाओं के साथ अत्याचार से संबंधित मामलों की जानकारी दी है जिसमें 1 उम्मीदवार ने अपने ऊपर बलात्कार (आईपीसी-376) से संबंधित मामले की जानकारी दी है.
चार उम्मीदवारों पर हत्या का प्रयास करने का आरोप हैं. वहीं 20 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले की घोषणा की है.
दिल्ली भाजपा के नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा पर चार आपराधिक मामले दर्ज़ हैं वहीं दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल पर भी एक आपराधिक मामला दर्ज़ है.
ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानातुल्लाह खान पर 12 आपराधिक मामले दर्ज़ हैं जिनमें भड़काऊ भाषण से संबंधित मामले शामिल हैं. तजिंदर पाल सिंह बग्गा पर भी इसी तरह के मामले हैं.
कांग्रेस उम्मीदवार सबसे ज्यादा अमीर
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे सभी उम्मीदवारों में कांग्रेस के सबसे ज्यादा अमीर हैं. कांग्रेस के 83 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं, आम आदमी पार्टी के 73 प्रतिशत, भाजपा के 70 प्रतिशत और बसपा के 20 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं.
उम्मीदवारों द्वारा दायर किए गए हलफनामों से पता चलता है कि इस बार 243 उम्मीदवार यानी की 36 फीसदी करोड़पति हैं और प्रत्येक उम्मीदवार की औसतन संपत्ति 4.43 करोड़ रुपए है.
इस चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवार मुंडका निर्वाचन क्षेत्र से धर्मवीर लाकरा हैं. उनकी कुल संपत्ति 296 करोड़ रुपए से ज्यादा हैं. वहीं सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवार आरपीआई(ए) पार्टी के राजेश कुमार हैं जिनकी कुल संपत्ति 3600 रुपए है.
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चुनावी मैदान में उतरे 340 उम्मीदवारों (51 प्रतिशत) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं और 12 वीं के बीच बताई है जबकि 298 ने स्नातक और इससे ज्यादा की योग्यता बताई है. 16 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर बताई है.
इस चुनाव में 79 (12 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में 673 में से 66 (10 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार मैदान में थीं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव की 70 सीटों के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है जिसके नतीज़ों की घोषणा 11 फरवरी को होगी.