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Tuesday, 1 October, 2024
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यूएपीए के तहत मंजूरी के लिए समय सीमा अनिवार्य : केरल उच्च न्यायालय

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कोच्चि,17 मार्च (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने राजद्रोह और एक प्रतिबंधित संगठन का सदस्य होने संबंधी तीन मामलों को रद्द करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अभियोजन की मंजूरी के लिए समय सीमा अनिवार्य व महत्वपूर्ण है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि यूएपीए के तहत अभियोजन की मंजूरी इसकी सिफारिश मिलने के छह महीने बाद दी गई और इसमें विवेक का जरा भी इस्तेमाल नहीं किया गया।

न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति सी. जयचंद्रन ने यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह के अपराध को लेकर आरोपी के अभियोजन के लिए विवेक का जरा भी इस्तेमाल नहीं किया गया।

उच्च न्यायालय का यह आदेश प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के सदस्य एवं आरोपी रूपेश की एक याचिका पर आया है। रूपेश ने अपने खिलाफ एक विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। उसने मंजूरी में विलंब होने के आधार पर उसे आरोपमुक्त करने का अदालत से अनुरोध किया था, जिसे उक्त अदालत ने खारिज कर दिया था।

पीठ ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) व (अभियोजन की सिफारिश एवं मंजूरी नियम),2008 समय सीमा निर्धारित करते हुए लाया था, जिसके अंदर सिफारिश करनी होगी और मंजूरी देनी होगी। समय बहुत महत्वपूर्ण है और हमारे मुताबिक यह अनिवार्य है।’’

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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