नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने यहां सब्जी मंडी इलाके में मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं के लिए बनाए एक आश्रय गृह में ‘‘गंभीर खामियां’’ पाए जाने पर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) को नोटिस जारी किया है।
आश्रय गृह में रहने वाली एक महिला और एक पूर्व कर्मी के बलात्कार को लेकर दिल्ली पुलिस को भी नोटिस भेजा गया है।
डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और समिति के कुछ सदस्यों ने एनजीओ ‘आश्रय अधिकार अभियान’ द्वारा चलाए जा रहे आश्रय गृह का निरीक्षण किया था। आयोग ने पाया कि आश्रय गृह में नौ मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाएं और लड़कियां रहती हैं।
डीसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘ऐसा देखा गया कि आश्रय गृह ने महिलाओं की सेहत में सुधार को लेकर प्रयास नहीं किए, जिनमें से कुछ 2014 से आश्रय गृह में रह रही थीं। ऐसा पाया गया कि मामले की उचित फाइलें नहीं बनायी गयीं और किसी भी फाइल में कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।’’
उसने यह भी पाया कि आश्रय गृह में रहने वाली महिलाओं से जुड़े मामलों में पुलिस कार्रवाई करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। समिति ने यह भी कहा कि इन महिलाओं के उचित स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी नहीं बनाए गए जबकि उनका मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) से इलाज चल रहा था।
आयोग ने यह भी पाया कि आश्रय गृह का संचालन अप्रशिक्षित कर्मी कर रहे हैं और महिलाओं तथा किसी भी वक्त आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया नहीं है। साथ ही केंद्र में दिन के समय कोई सुरक्षा कर्मी नहीं रहता है।
उसने कहा, ‘‘जब आयोग के दल ने शाम छह बजे आश्रय गृह में प्रवेश किया तो प्रवेश द्वार पर कोई नहीं था और कोई आगंतुक पुस्तिका नहीं थी।’’
आश्रय गृह की एक पूर्व कर्मी ने डीसीडब्ल्यू को यह भी बताया कि दो लोगों ने उससे और आश्रय गृह में रहने वाली 25 वर्षीय महिला से दुष्कर्म किया। दिल्ली पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की और आरोपों की जांच कर रही है। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
आयोग ने डीयूएसआईबी को नोटिस जारी कर उससे विस्तृत कार्य रिपोर्ट मांगी है। उसने डीयूएसआईबी अधिकारियों के इस आश्रय गृह के निरीक्षण की रिपोर्ट्स भी मांगी है। उसने इस मामले में अधिकारियों तथा एनजीओ के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारियां भी मांगी है।
आयोग ने पीड़िताओं को सुरक्षा देने के साथ ही इस मामले में तत्काल गिरफ्तारियां करने की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है। प्राधिकारियों को जवाब देने के लिए 28 मार्च को शाम चार बजे तक का वक्त दिया है।
भाषा गोला पवनेश
पवनेश
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