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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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डीसीडब्ल्यू ने मजनू का टीला क्षेत्र में रह रही हिंदू महिला शरणार्थियों की दशा का अध्ययन शुरू किया

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नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने यहां मजनू का टीला क्षेत्र में रह रहीं पाकिस्तानी हिंदू महिला शरणार्थियों की दशा का अध्ययन शुरू किया है।

आयोग इस अध्ययन के आधार पर इन महिला शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए केंद्र एवं दिल्ली सरकार को सिफारिशें देगा।

डीसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘ हिंदू शरणार्थी लगातार दयनीय हालत में रह रहे हैं तथा उन्हें आवास, पानी, बिजली, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं एवं आजीविका के उपयुक्त साधन उपलब्ध नहीं हैं।’’

उसने कहा कि उनमें से कई जबरन धर्मांतरण, अपहरण, धार्मिक हमले, यौन हमले जैसे उत्पीड़न से बचने के लिए पाकिस्तान से भागकर यहां आ गये हैं।

पैनल ने कहा, ‘‘ हर शरणार्थी परिवार की कहानी भयावह है, वह सालों-साल दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से गुजरा है। फिलहाल वे यमुना नदी के तट पर सुनसान जगह पर रह रहे हैं और खासकर मानसून के दौरान वे कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।’’

आयोग ने कहा कि ये शरणार्थी ‘कच्चे’ मकान एवं शिविरों में रहने के लिए मजबूर है और उन्हें शौचालय की सुविधा मयस्सर नहीं है। उसने कहा, ‘‘ फलस्वरूप महिलाओं एवं बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है।’’

उसने कहा,‘‘ बिजली के अभाव के कारण यह क्षेत्र असुरक्षित है। कई बार अनुरोध करने के बाद भी उन्हें नागरिकता नहीं दी गयी है।’’

अध्ययन करने के अलावा अयोग विभिन्न विभागों को नोटिस जारी करेगा और पता लगाएगा कि उन्होंने इन शरणार्थियों के मुद्दों का समाधान करने के लिए क्या कदम उठाये।

आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘‘ मजनू का टीला में मैं इन शरणार्थियों से मिली हूं। वे बहुत ही दयनीय दशा में रह रहे हैं। अक्सर सांप-बिच्छू उनके घरों में घुस जाते हैं। यह बहुत दयनीय स्थिति है। हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे। हम उनकी दशा सुधारने के लिए दिल्ली सरकार एवं भारत सरकार को सुझाव देंगे।’’

भाषा राजकुमार अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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