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Thursday, 7 November, 2024
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29 साल में बने सामना के संपादक, दाऊद को लगा दी थी फटकार; संजय राउत कैसे बन गए थे बाल ठाकरे के करीबी

पत्रकार के रूप में संजय राउत क्राइम रिपोर्टर के तौर पर काम करते थे. ऐसा भी कहा जाता है कि 1993 के मुंबई ब्लास्ट में दाऊद का नाम आने से पहले वह इनको खबरें भी दिया करता था.

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नई दिल्लीः संजय राउत को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. सोमवार को उनसे लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने यह कदम उठाया. पात्रा चॉल के कथित घोटाले के मामले में उनसे पूछताछ की जा रही है. शिवसेना के नेता संजय राउत पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है. पहले कंगना रनौत के साथ वाद-विवाद में और इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार विपक्षी पार्टी खासकर भाजपा के विरोध को लेकर. लेकिन इन सबसे ज्यादा बड़ा कारण है ईडी की कार्रवाई. पात्रा चॉल के कथित घोटाले के मामले में ईडी द्वारा उन्हें समन किया गया. उनके ऑफिस से दस्तावेज व 11 लाख रुपये कैश बरामद किए गए.

मीडिया हाउस में क्लर्क की तरह शुरू किया था करियर

संजय राउत ने अपने करियर की शुरुआत 1980 में मुंबई के एक लीडिंग मीडिया हाउस में क्लर्क के तौर पर की थी. राउत इस वक्त शिवसेना के मराठी डेली सामना के एक्जीक्युटिव एडिटर हैं. खबरों के मुताबिक राउत को एडिटोरियल और उनका वीकली लिखना पसंद है. यहां तक कि जब वह काफी व्यस्त होते हैं तो भी लिखना पसंद करते हैं. कहा जाता है कि वह बाला साहेब ठाकरे की स्टाइल में लिखते हैं.

कई बार विवादों से घिर रहे हैं

संजय राउत अक्सर विवादों में भी घिरे रहे हैं. बाल ठाकरे की मौत के बाद मुंबई बंद करने को लेकर फेसबुक कमेंट पर जब पुलिस ने दो लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया था तो उन्होंने इसे सही ठहराया था. अप्रैल 2015 में उस समय वह काफी विवादों में आ गए थे जब उन्होंने कहा था कि मुसलमानों के वोटिंग अधिकार को छीन लेना चाहिए.

‘ठाकरे’ फिल्म के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी का किया था समर्थन

2019 की बॉलीवुड फिल्म ठाकरे संजय राउत के इनपुट पर आधारित थी. इस फिल्म में ठाकरे की भूमिका नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने निभाई. एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ठाकरे की भूमिका निभाने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी को क्यों चुना तो उन्होंने कहा कि उन्हें ठाकरे के रूप में अंतिम रूप देने में पांच मिनट भी नहीं लगेंगे क्योंकि उनसे बेहतर भूमिका और कोई नहीं निभा सकता है.


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दाऊद को लगाई थी फटकार

पत्रकार के रूप में संजय राउत क्राइम रिपोर्टर के तौर पर काम करते थे. ऐसा भी कहा जाता है कि 1993 के मुंबई ब्लास्ट में दाऊद का नाम आने से पहले वह इनको खबरें भी दिया करता था. 16 जनवरी 2020 में पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में संजय राउत ने खुद ही इस बात को स्वीकार किया था कि दाऊद से उनकी मुलाकात हुई है. उन्होंने यह भी कहा था कि दाऊद को उन्होंने देखा था और उससे एक बार बात भी की थी.

29 साल की उम्र मे बन गए थे सामना के संपादक

पत्रकारिता के दौरान ही संजय राउत बाल ठाकरे की नजरों में आ गए और उन्होंने संजय राउत को शिवसेना के मुखपत्र सामना का कार्यकारी संपादक बना दिया. एडिटर बनने के बाद उन्होंने अखबार में कई बड़े बदलाव किए और संपादकीय में शिवसेना की विचारधारा से जुड़ी चीजें ज्यादा छपने लगीं.

उद्धव की सरकार बनवाने में निभाई बड़ी भूमिका

राजनीति में आने के बाद से ही संजय राउत लगातार शिवसेना से जुड़े रहे. संजय राउत 2019 के बाद से विधानसभा चुनावों में काफी ऐक्टिव हो गए. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि महाविकास अघाड़ी सरकार बनवाने में उनकी बड़ी भूमिका थी क्योंकि ऐसा माना जाता है कि महाराष्ट्र में लगभग हर पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ है. उन्हें शरद पवार का भी करीबी माना जाता है. तीनों पार्टियों के बीच उनको एक कड़ी के रूप में माना जाता था.

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