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Thursday, 21 November, 2024
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सीमा शुल्क, सेवा कर, ड्रग्स: बॉलीवुड मुसीबत में है तो समीर वानखेड़े, IRS, वहां ज़रूर होंगे

आर्यन ख़ान ड्रग्स मामले से चर्चा में आए समीर वांखेड़े कहते हैं, कि वो बॉलीवुड के पीछे नहीं पड़े हैं. वो ये भी कहते हैं कि हम बहुत लोगों को गिरफ्तार करते हैं, लेकिन मीडिया उसी केस को उछालता है, जिसमें कोई सेलिब्रिटी शामिल होता है.

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मुम्बई: करीब 2011 से 2013 तक लगातार ख़बरें आ रहीं थीं कि किस तरह बॉलीवुड हस्तियां, एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क से बचने की कोशिश करते हुए पकड़ी जा रहीं थीं.

2013 में धारणा ये थी कि बॉलीवुड सेवा कर अदाएगी से बचने की कोशिश कर रहा था और पिछले साल से इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि कैसे फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से लोगों में ड्रग्स इस्तेमाल करने की समस्या बढ़ गई है.

एक शख़्स ऐसा है जो इन सभी मामलों में कॉमन है और वो हैं 2008 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेड़े.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ज़ोनल डायरेक्टर के नाते, इस महीने गोवा जाने वाले एक क्रूज़ लाइनर पर, एक कथित रेव पार्टी पर छापा मारने, और एक्टर शाहरुख़ के बेटे आर्यन ख़ान को गिरफ्तार करने के बाद, सबकी निगाहें वानखेड़े पर जमी हैं.

दिप्रिंट के साथ एक ख़ास बातचीत में, वानखेड़े ने ये कहते हुए आर्यन ख़ान केस पर बोलने से मना कर दिया कि ये मामला कोर्ट के विचाराधीन है, लेकिन उन्होंने ऐसे किसी भी सुझाव का ज़ोरदार खंडन किया, कि वो जान-बूझकर बॉलीवुड के पीछे पड़े हैं.

वानखेड़े ने कहा, ‘ऐसा कभी नहीं रहा है. हमने इतने सारे कट्टर ड्रग विक्रेताओं और निर्माताओं को पकड़ा है. अगर हम किसी सामान्य व्यक्ति को पकड़ते हैं तो मीडिया उस ख़बर को नहीं उछालता, लेकिन अगर किसी केस में कोई सेलिब्रिटी शामिल है, तो हर जगह ख़बर पहुंच जाती है’.

‘कस्टम्स में रहते हुए एयरपोर्ट पर (वहां उनके कार्यकाल के दौरान) (सीमा शुल्क चोरी के) क़रीब 3,000 मामले दर्ज किए गए. उनमें बेहद कम मामलों में ही सेलिब्रिटीज़ शामिल रहे होंगे. एनसीबी में भी, इस साल के 10 महीनों में हमने 224 लोगों को पकड़ा है. उनमें से ज़्यादातर कट्टर ड्रग पेडलर्स हैं. केवल दो या तीन ही जाने-पहचाने नाम होंगे.

उन्होंने पूछा, ‘जो लोग सेलिब्रिटीज़ के पीछे पड़ने के लिए मेरी आलोचना करते हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूं…अगर ऐसा व्यक्ति जो बहुत जाना-माना है कोई ग़लत काम करता है, तो क्या हम उसे ऐसे ही छोड़ दें?’

रविवार को, वानखेड़े ने मुम्बई पुलिस चीफ हेमंत नागराले को पत्र लिखकर, उनसे ये सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उन्हें ‘फंसाने के परोक्ष उद्देश्य’ से उनके खिलाफ, ‘जल्दबाज़ी में’ कोई क़ानूनी कार्रवाई न की जाए.

ये पत्र उस दिन लिखा गया, जिस दिन एनसीबी के कथित आर्यन ख़ान ड्रग छापेमारी केस के एक गवाह ने दावा किया कि उससे एक सादे कागज़ पर दस्तख़त कराए गए. उसने ये भी कहा कि वानखेड़े को लेकर इस मामले में, करोड़ों रुपए की रिश्वत दिए जाने की भी चर्चा चल रही है. एनसीबी ने एक बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि वानखेड़े ने आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है.

वानखेड़े जिनका ताल्लुक़ विदर्भ क्षेत्र के वाशिम ज़िले से है, एक पुलिसकर्मी के बेटे हैं. उन्होंने बताया कि वो और उनकी बहन मुम्बई के वडाला क्षेत्र में बड़े हुए, जहां उनके पिता शहर में बतौर सब-इंस्पेक्टर तैनात थे. उनकी शादी मराठी एक्टर क्रांति रेडकर से हुई है, जिनसे उन्हें जुड़वां बेटियां हैं.

वानखेड़े ने 2006 में अपना करिअर आंध्र प्रदेश में, इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ शुरू किया था, जिसके बाद उनकी तैनाती दिल्ली में हो गई. 2008 में उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा दी, और एक आईआरएस अधिकारी बन गए. उसके बाद से वानखेड़े अक्सर ख़बरों में रहे हैं.


यह भी पढ़ें: आर्यन खान मामले में गवाह का दावा—सादे कागज पर दस्तखत कराए गए, करोड़ों के लेन-देन का लगाया आरोप


वर्ल्ड कप ट्रॉफी और रिया चक्रबर्ती

2011 में जब भारतीय क्रिकेट टीम ने, मुम्बई के वानखेड़े स्टेडियम में एक कड़े मुक़ाबले के बाद विश्व कप जीता, तो टीम को एक नक़ली ट्रॉफी से काम चलाना पड़ा.

मूल ट्रॉफी मुम्बई एयरपोर्ट कस्टम्स में फंस गई थी, क्योंकि उस पर 35 प्रतिशत शुल्क अदा नहीं किया गया था. वानखेड़े उस समय एयरपोर्ट कस्टम्स पर असिस्टेंट कमिश्नर थे.

वानखेड़े ने अभिनेत्रियों मिनिषा लांबा और अनुष्का शर्मा को भी एयरपोर्ट पर रोक लिया था, चूंकि उन्होंने घोषित नहीं किया था कि वो सोना और हीरे जड़ित आभूषण लेकर आ रही हैं.

उसके बाद, कटरीना कैफ, रणबीर कपूर, गायक मीका सिंह जैसी बॉलीवुड हस्तियां और कई क्रिकेटर्स भी, मुम्बई एयरपोर्ट पर परेशानी में फंसे.

2013 में, वानखेड़े ने कुछ महीने केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में काम किया. हालांकि वहां उनका कार्यकाल काफी छोटा रहा, लेकिन वो ऐसा था जिसे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री नहीं भूलेगी, जब अनुराग कश्यप, राम गोपाल वर्मा, और विवेक ओबेरॉय जैसे कई नाम, सेवा कर का भुगतान नहीं करने के कारण जांच के घेरे में आए थे.

फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स गिल्ड के अध्यक्ष मुकेश भट्ट ने, तब विभाग पर फिल्म इंडस्ट्री के पीछे पड़ने का आरोप लगाया था, और गिल्ड के सदस्यों ने इस सिलसिले में सेवा कर आयुक्त के साथ मुलाक़ात भी की थी.

केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में तैनाती के कुछ ही महीनों के भीतर, वानखेड़े को डेपुटेशन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भेज दिया गया, जहां उन्होंने 2017 तक काम किया, जिसके बाद वो मुम्बई में राजस्व खुफिया निदेशालय में बतौर ज्वॉयंट डायरेक्टर काम करने लगे.

नवंबर 2019 में वानखेड़े ने एनसीबी में एक पद के लिए आवेदन दिया, जिसने उसी साल एक रिक्ति के लिए विज्ञापन दिया था. 27 अगस्त 2020 को उनके आवेदन को एनसीबी को प्रेषित कर दिया गया और 31 अगस्त 2020 को अधिकारी ने डेपुटेशन पर अपने नए काम का ज़िम्मा संभाल लिया. उसी समय एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उठा विवाद गरमा रहा था और ब्यूरो ड्रग के एंगल से जांच कर रहा था.

वानखेड़े ने कहा, ‘अपने करिअर के शुरुआती सालों में, मेरे पास बहुत फोन आते थे जिनमें मुझे हिरासत में लिए गए किसी व्यक्ति को छोड़ने के लिए कहा जाता था. लेकिन अब 15 साल की सेवा के बाद, मुझे ऐसे अनुरोध के लिए कोई फोन नहीं आता. सब जानते हैं कि कोई फायदा नहीं है’.

‘जब मैं एनआईए, डीआरआई के साथ था तो किसी सेलिब्रिटी से जुड़ा कोई ऐसा बड़ा केस नहीं होता था. ऐसा नहीं है कि मैं ख़ासतौर से सेलिब्रिटीज़ को निशाना बनाता हूं. मैं बस नियमों का पालन करता हूं’.

NCB में वांखेड़े

वानखेड़े के एनसीबी में शामिल होने के 10 दिन के भीतर, एजेंसी ने जांच के सिलसिले में एक्टर रिया चक्रबर्ती और उसके भाई शौमिक को गिरफ्तार कर लिया.

बाद में, जब नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी कथित ड्रग सांठ-गांठ के सिलसिले में, दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, और सारा अली ख़ान जैसी अभिनेत्रियों से पूछताछ कर रहा था, तो ये वानखेड़े ही थे जो मेज़ के उस तरफ बैठे थे.

इस साल अगस्त में, केंद्र सरकार की ओर से वानखेड़े को देश के 152 पुलिस अधिकारियों के साथ, ‘केंद्रीय गृह मंत्री जांच में उत्कृष्टता पदक’ से नवाज़ा गया.

जब से वानखेड़े ने एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर का ज़िम्मा संभाला, तब से प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री और निर्माण से ज़्यादा, ड्रग्स के उपभोग के मामले ज़्यादा बढ़े हैं और ज़्यादातर मामलों में ड्रग्स की छोटी मात्रा रहती है.

ये एक ऐसा आरोप है जिससे वानखेड़े इनकार नहीं करते. बल्कि उनका कहना है कि ऐसा सोच समझकर किया गया है.

वानखेड़े ने कहा, ‘खुफिया एजेंसियों के साथ काम करने के बाद, मेरी निजी राय ये है कि जब आप एक ही लीक पर चलते हुए बड़े कारख़ानों पर छापे मारते हैं, तो देर-सवेर से उनकी जगह नए कारख़ाने खड़े हो जाते हैं. सप्लाई चेन वही रहती है. उपभोग की चेन भी वही रहती है और ये सिलसिला चलता रहता है. मैंने और मेरे वरिष्ठों ने सोचा कि हमारा नज़रिया समाहित होना चाहिए. फैक्ट्रियों को पकड़िए, बेचने वालों को पकड़िए और इस्तेमाल करने वालों को पकड़िए’.

‘ईमानदारी से काम करने पर भी निशाना बनाए जाने पर बुरा लगता है’

उनकी सभी तैनातियों में, एनसीबी में वानखेड़े का कार्यकाल शायद सबसे अधिक विवादास्पद रहा है, जिसे अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों ने एक सियासी रंग दे दिया है.

कांग्रेस और एनसीपी के सदस्यों, ख़ासकर राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने इशारा किया है कि वानखेड़े भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

इसी महीने एक प्रेसवार्ता में मलिक ने, क्रूज़ लाइनर पर छापे के दौरान, जिसमें आर्यन ख़ान को गिरफ्तार किया गया, एनसीबी टीम के साथ एक ‘बीजेपी कार्यकर्ता की मौजूदगी’ पर सवाल उठाया. मलिक ने जो एक वीडियो दिखाया उसमें उसी बीजेपी कार्यकर्ता को, एक दूसरे अभियुक्त अरबाज़ मर्चेंट को एनसीबी ऑफिस के अंदर ले जाते देखा जा सकता था.

एनसीपी मुम्बई प्रमुख मलिक ने ये भी आरोप लगाया कि एनसीबी ने हिरासत में लिए गए तीन व्यक्तियों को जाने दिया, क्योंकि उनके बीजेपी के साथ संबंध थे. उन्होंने आगे कहा कि ये पूरी छापेमारी ‘फर्ज़ी’ थी, और महाराष्ट्र सरकार तथा मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम करने की चाल थी. साथ ही उन्होंने ये भी इल्ज़ाम लगाया कि वानखेड़े जबरन वसूली का रैकेट चला रहे थे.

वानखेड़े ने कहा, ‘वो जन-प्रतिनिधि हैं और मैं एक जन सेवक हूं. वो मेरे बारे में जो भी सोच रहे होंगे, मैं उसका आदर करता हूं. लेकिन कभी कभी मुझे बहुत बुरा लगता है. जब आप ईमानदारी से काम कर रहे हैं, तो आपको क्यों निशाना बनाया जाता है?’

इसी महीने, वानखेड़े ने एनसीबी के ज़रिए मुम्बई पुलिस और केंद्र सरकार के सामने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं थीं कि उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है.

उन्होंने कहा, ‘कुछ ऐसी घटनाएं थीं जो मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत चिंताजनक थीं. मैंने उनके बारे में सबसे वरिष्ठ पदाधिकारी को सूचित कर दिया है’.

‘कभी कभी कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं, जो आपको व्याकुल कर देती हैं. वो आपके परिवार पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं. आपको अपने परिवार के लिए बुरा लगता है. उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया है कि उनके साथ ऐसा हो. मैं इसे एक चुनौती की तरह लेता हूं’.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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