नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) भारत में क्यूबा के राजदूत जुआन कार्लोस मार्सन ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्यूबा संयुक्त राष्ट्र महासभा में अगले सप्ताह एक मसौदा प्रस्ताव पेश करेगा जिसमें पिछले छह दशकों में अमेरिका द्वारा उस पर लगाए गए अवरोधकों की ‘‘निंदा’’ की जाएगी और इसमें उसे भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक बार फिर मजबूत समर्थन मिलने का ‘‘विश्वास’’ है।
मार्सन ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि क्यूबा 65 साल पहले भारत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से ही उसके साथ ‘‘मजबूत संबंध’’ बनाने में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि उनका देश उम्मीद करता है कि ‘‘भारत इस प्रस्ताव का एक बार फिर समर्थन करेगा।’’
उन्होंने कहा कि 28 और 29 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ‘‘क्यूबा के विरुद्ध अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय अवरोधक को समाप्त करने की आवश्यकता’’ शीर्षक वाले मसौदा प्रस्ताव पर 33वीं बार विचार करेगी।
भारत में क्यूबा के दूत ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सरकार ‘‘विभिन्न सरकारों पर’’ मुख्यतः लैटिन अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के देशों की सरकारों पर दबाव डालने की कोशिश कर रही है, ताकि वे क्यूबा के प्रस्ताव का समर्थन न करें।
मार्सन ने कहा, ‘‘फिर भी, हमें विश्वास है कि उसे (क्यूबा को) अंतरराष्ट्रीय समुदाय का एक बार फिर दृढ़ समर्थन प्राप्त होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्यूबा अवरोध की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पेश करने जा रहा है। पिछले साल, हमें क्यूबा द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के पक्ष में 183 देशों का समर्थन मिला था। केवल दो देश- अमेरिका और इजराइल इसके विरोध में थे और मतदान से अनुपस्थित रहे। बाकी देशों ने क्यूबा के प्रस्ताव का समर्थन किया और हम इस बार भी ऐसा ही करने जा रहे हैं।’’
भाषा सिम्मी संतोष
संतोष
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