बदायूं (उप्र): उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंदिर में पूजा-अर्चना करने गयी एक आंगनबाड़ी सहायिका की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इस मामले में मंदिर के महंत समेत तीन लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
मामले मे तीन लोग शामिल हैं। जिसमें से 2 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है। एक फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमें लगाई गई हैं। फरार अभियुक्त पर 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है। जल्दी ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। जांच चल रही है: SSP,बदायूं https://t.co/jvaKa7eQe3 pic.twitter.com/rO0IUpbkJO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 6, 2021
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक महिला के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले व दोषियों को सख्त सजा दिलाना भी सुनिश्चित करे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो, बीएसपी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) January 6, 2021
मायावती ने मामले ट्वीट कर घटना को अतिनिंदनीय बताया है. उन्होंने ऐसी घटना को रोकने के लिए दोषियों को सख्त सजा की मांग की है.
विपक्षी दलों ने इस घटना को ‘निर्भया कांड’ से जोड़ते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा है. वहीं, इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बुधवार को बताया कि गत रविवार को उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव में मंदिर गयी 50 वर्षीय एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि परिजन ने मंदिर के महंत सत्य नारायण और उसके दो साथियों पर बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि इस आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनमें से दो लोगों को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने बताया कि आरोपी महंत फरार है, उसे गिरफ्तार करने के लिए चार दल बनाए गए हैं.
शर्मा ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी को निलम्बित कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला से बलात्कार की पुष्टि हुई है और रिपोर्ट में गुप्तांग में चोट के निशान तथा पैर की हड्डी टूटी पाई गई है.
इस बीच, जिलाधिकारी कुमार प्रशांत और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के लिए उनके गांव गए.
जिलाधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘महिला आंगनवाड़ी सहायिका थी. उसके परिवार को जो मदद होगी हम देंगे.’
घटना को निर्भया कांड जैसा बताए जाने के बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर मेडिकल विशेषज्ञों से राय ली जा रही है, उससे पहले इसे किसी भी घटना से जोड़ना गलत होगा.
महिला के बेटे ने बताया कि उसकी मां पिछले रविवार की शाम गांव के ही मंदिर में पूजा अर्चना करने गई थी और रात करीब 11 बजे मंदिर का महंत दो अन्य लोगों के साथ उसके घर आया और उसकी मां का शव रख दिया.
महिला के बेटे ने कहा कि घर के लोग महंत सत्य नारायण और उसके साथ आए लोगों से कुछ पूछ पाते, उससे पहले ही वे यह कहकर चले गए कि मन्दिर से घर लौटते समय महिला रास्ते में एक सूखे कुएं में गिर गई थी और उसकी चीख-पुकार सुनकर उन्होंने उसे कुएं से बाहर निकाला और घर लेकर आए हैं.
महिला के बेटे का कहना है कि पुलिस को घटना की सूचना सोमवार की सुबह दी गयी थी और परिजन इसे पहले ही बलात्कार और हत्या का मामला बता रहे थे लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम के आधार पर कार्रवाई की बात कहते हुए शव को मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए भेजा .
इस बीच यह मुद्दा राजनीतिक रंग लेने लगा है. प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर सरकार को घेरते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘यूपी के बदायूं में पूजा करने गई 50 वर्षीय आंगनवाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप और फिर उसके बाद उसकी निर्मम हत्या ने संपूर्ण मानवता को शर्मसार कर दिया है.’ पार्टी ने इसी ट्वीट में कहा, ‘डूब मरें सत्ताधीश जो महिला सुरक्षा के सिर्फ झूठे दावे किया करते हैं. दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिला कर न्याय किया जाए.’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है, ‘कितनी और निर्भया? कितनी और हैवानियत? कब जागेगी आदित्यनाथ सरकार? कहां है हमारे सजग पत्रकार?’