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Saturday, 20 April, 2024
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वाजे ने जस्टिस केवी चांदीवाल आयोग के सामने दी गवाही, अनिल देशमुख को पैसे देने से किया इनकार

वाजे मुंबई पुलिस में सहायक निरीक्षक था लेकिन उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक कार से विस्फोटक मिलने के मामले में उसे मार्च में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

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मुंबई: बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने एक जांच आयोग के सामने गवाही के दौरान मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उसने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख या उनके स्टाफ के किसी सदस्य को पैसे का भुगतान किया था.

वाजे ने इससे भी इनकार किया कि उसने मुंबई में बार या बार मालिकों से पैसे वसूले थे. वाजे ने जस्टिस केवी चांदीवाल आयोग के सामने गवाही दी. यह आयोग पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता ने इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

देशमुख के वकील गिरिश कुलकर्णी की ओर से वाजे के साथ जिरह मंगलवार को भी जारी रही. पूछा गया कि क्या ऐसा कोई मौका आया था जब वाजे को देखमुख को पैसों का भुगतान करना पड़ा था तो वाजे ने कहा, ‘नहीं.’

वाजे ने तत्कालीन गृह मंत्री के स्टाफ के किसी भी सदस्य को पैसे देने से इनकार किया है. पूछा गया कि देशमुख के सहायक कुंदन शिंदे को उसने पैसे दिए तो वाजे ने कहा, ‘मुझे याद नहीं.’

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सवाल किया गया कि क्या तत्कालीन गृह मंत्री के कार्यालय से किसी ने उससे बार या बार मालिकों से पैसे लेने को कहा था तो वाजे ने कहा, ‘मुझे याद नहीं.’


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उसने बार या बार से संबंधित लोगों से पैसे लेने से भी इनकार किया है.

वाजे से यह भी पूछा गया कि अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में मामलों की जांच के दौरान गृह मंत्रालय या किसी राजनीतिक पार्टी ने किसी तरह का हस्तक्षेप किया तो उसने इससे इनकार किया.

बाद में जांच आयोग ने मामले को 21 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया और स्थगन का आग्रह करने पर देशमुख पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया.

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष अपने बयान में वाजे ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने उसे बार और होटल मालिकों से पैसे लेने के लिए कहा था. उसने यह भी दावा किया था कि देशमुख हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच में निर्देश देते थे.

वाजे ने आरोप लगाया था कि अक्टूबर 2020 में देशमुख के आवास ‘दिनेश्वरी’ में हुई एक बैठक के दौरान एनसीपी नेता ने उसे 1,750 बार और रेस्तरां की लिस्ट दी और उनसे तीन-तीन लाख रुपए लेने को कहा.

ईडी के सामने अपने बयान में वाजे ने यह भी जिक्र किया था कि उसने बार से एकत्र किए पैसे को देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे को सौंपा था.

उसका बयान केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा दाखिल आरोपपत्र का हिस्सा है. ईडी ने धन शोधन के संबंध में मामले की जांच की थी.

देशमुख को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के आरोपों के आधार पर 21 अप्रैल को सीबीआई द्वारा देशमुख और उनके सहयोगियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने अपनी जांच शुरू की थी.

वाजे मुंबई पुलिस में सहायक निरीक्षक था लेकिन उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक कार से विस्फोटक मिलने के मामले में उसे मार्च में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

इस समय सीबीआई और ईडी दोनों ही परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है.


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