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Sunday, 22 December, 2024
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उत्तर प्रदेश का संभल जिला प्रशासन हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर लगाएगा

सरकार ने वर्ष 2020 में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध के दौरान तोड़फोड़ से कथित तौर पर जुड़े लोगों के पोस्टर लगाए थे. हालांकि, अदालत के आदेश के बाद इन्हें हटा लिया गया था.

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संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिला प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि वह 24 नवंबर को जिले में हुई हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर लगाएगा. वहीं पुलिस ने हिंसा के दौरान हुई तोड़फोड़ और आगजनी में एक करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान जताया है.

संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिंया ने बताया, “हम 24 नवंबर को हुई हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर लगाएंगे. पूरी संभावना है कि गुरुवार ही ये पोस्टर लगा दिए जाएं.”

उन्होंने बताया कि इस हिंसा के संबंध में अब तक 400 से अधिक लोगों को चिन्हित कर 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आज दोपहर तीन बजे ‘पीस कमेटी’ की बैठक है, जिसमें हम हर किसी से स्थिति पर चर्चा करेंगे.”

यह पूछे जाने पर कि कितने लोगों के पोस्टर लगाए जाएंगे, उन्होंने बताया, “अभी हम तैयारी कर रहे हैं और इसे जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा. 400 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है और जो पकड़े गए हैं उन्हें छोड़कर बाकी लोगों के पोस्टर लगाए जाएंगे.”

यह पूछे जाने पर कि कितने बजे पोस्टर लगाए जाएंगे, उन्होंने कहा, “मैं आपको समय नहीं बता सकता लेकिन इसे लगाने का पूरा प्रयास किया जाएगा.”

उन्होंने इस मामले में विदेशी फंडिंग के सवाल पर बताया कि किसी भी चीज से इनकार नहीं किया जा सकता और जांच जारी है.

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, “अभी तक 34 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. 83 लोगों के नाम सामने आए हैं और 400 फोटोग्राफ एकत्रित किए गए हैं। पहचान प्रक्रिया जारी है.”

बिश्नोई ने इस हिंसा में हुए नुकसान पर बताया, “अभी तक एक करोड़ रुपए से ऊपर के नुकसान की रिपोर्ट मिली है। इसमें जले हुए ट्रांसफार्मर, टूटे हुए कैमरे और जलाए गए वाहन शामिल हैं. दंगाइयों की पहचान होने पर उनसे वसूली की जाएगी और उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा.”

उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 नवंबर को कहा था कि वह संभल हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर बनवाएगी व सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई कराएगी और पथराव करने वालों के पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाए जाएंगे.

संभल पुलिस इस हिंसा में शामिल लोगों की कई तस्वीरें पहले ही जारी कर चुकी है. इन फोटोग्राफ में नौ व्यक्तियों की पहचान की गई और जिन लोगों ने चेहरे पर नकाब लगा रखे हैं, उनकी पहचान के लिए लोगों से मदद मांगी है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इससे पहले बताया था, “इन व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए जानकारी देने वालों को पुरस्कार प्रदान करने की भी घोषणा की जा सकती है.”

सरकार ने वर्ष 2020 में सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) के खिलाफ विरोध के दौरान तोड़फोड़ से कथित तौर पर जुड़े लोगों के पोस्टर लगाए थे. हालांकि, अदालत के आदेश के बाद इन्हें हटा लिया गया था.

संभल की मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए प्रशासन की तैयारियों के बारे में पेंसिया ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया, “कल होने वाली नमाज के मद्देनजर 30 मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.”

उन्होंने बताया, “आज पीस कमेटी की बैठक हो रही है और मस्जिद के नेताओं से भी बातचीत हुई है. इस बैठक के बाद मस्जिद के नेता सोशल मीडिया पर बयान जारी कर लोगों से शांति की अपील करेंगे। शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से होगी, लेकिन हम सतर्क रहेंगे.”

वहीं, बिश्नोई ने बताया कि पुलिस शुक्रवार को होने वाली नमाज के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आज शाम पैदल गश्त करेगी.

उन्होंने छह दिसंबर के लिए तैयारियों पर पर चर्चा करते हुए बताया, संभल जिला पूरी तरह से तैयार है. आरएएफ की एक कंपनी, पीएसी की नौ कंपनियां और अतिरिक्त आरआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है। हर कोने पर पुलिस तैनात रहेगी.

संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के पास एकत्रित प्रदर्शनकारी सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए, जिसके बाद हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए थे.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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