scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमदेशअपराधयूपी में मौत की नींद सुला रही अवैध शराब, लगातार बढ़ रहा है मौतों का सिलसिला

यूपी में मौत की नींद सुला रही अवैध शराब, लगातार बढ़ रहा है मौतों का सिलसिला

साल 2015 में लखनऊ के मलिहाबाद में 35 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से हो गई थी. अब सरकार को बदल चुकी है लेकिन अवैध शराब से होने वाली घटनाएं नहीं रुक रही हैं.

Text Size:

लखनऊ: यूपी में अवैध शराब का धंधा लोगों की जान की आफत बन गया है. हर रोज खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब से मौत की खबर लगातार आ रही हैं. पिछले 48 घंटों के बीच यूपी में अब तक 35 मौतें हो चुकी हैं और लगभग इतने ही लोग अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं.

गुरुवार में कुशीनगर में जहरीली के सेवन से 10 लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को सहारनपुर में जहरीली शराब का कहर बरपा. यहां पर अवैध शराब के सेवन से दो दर्जन से अधिक लोगों ने दम तोड़ दिया है. मेरठ व सहारनपुर के अस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है.

ये कोई पहला मौका नहीं है कि जहरीली शराब के कारण लगातार मौत की खबर सामने आ रही हों. यूपी में पिछले कई साल से ये लगातार हो आ रहा है. साल 2015 में लखनऊ के मलिहाबाद में 35 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से हो गई थी. अब सरकार को बदल चुकी है लेकिन अवैध शराब से होने वाली घटनाएं नहीं रुक रही हैं.

सहारनपुर में शराब ने छीन ली जिंदगी

सहारनपुर के चार थाना क्षेत्र के विभिन्न गांव में गुरुवार रात लोगों ने अवैध शराब भी जो उनके लिए जानलेवा साबित हुई है. यहां के नागल के गांव सलेमपुर में पांच, उमाही में नौ, गागलहेड़ी के गांव शरबतपुर में तीन, गागलहेड़ी के गांव मालीपुर में तथा देवबन्द के दंकोपुर गांव में दो-दो व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है. अभी भी दस लोगों की हालत बेहद गंभीर बनी है.

illegal liquor,
पकड़ी गई अवैध शराब

देवबंद के रहने वाले पत्रकार शंशाक रस्तोगी ने बताया कि खेतों में जो लोग कच्ची शराब बनाते हैं कई ग्रामीण अक्सर कम दामोे में उनसे शराब खरीद लेते हैं लेकिन ये शराब उनके जीवन के लिए हानिकारक बन जाती है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

आबकारी विभाग पर कार्रवाई की कोई सूचना नहीं मिली है.

अभी तक पुलिस व आबकारी विभाग के अधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर सके हैं कि यह जहरीली शराब आखिर आई कहां से और किससे खरीदी गई. हालांकि उत्तराखंड के बॉडर से भी शराब आने की बात सामने आ रही है लेकिन अभी अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है. आइजी शरद सचान, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, एसएसपी दिनेश कुमार पी, सहित आबकारी विभाग के टीम गांवों में जाकर जांच पड़ताल करने का दावा कर रही है.

मृतकों में लगभग सभी मजदूरी करने वाले हैं. जहरीली शराब से मृतक संख्या लागातार बढती देख प्रशासन ने गांव दर गांव धार्मिक स्थलों से एलान कराना शुरू किया है कि लोग शराब न पीएं. वर्ष 2009 में जहरीली शराब पीने से देवबंद क्षेत्र में 30 लोगों की मौत हो गई थी.

कुशीनगर में लगभग एक दर्जन मौतें

गौरतलब है कि कुशीनगर के तरयासुजान थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से दस लोगों की मौत हो चुकी हैं. शासन ने इस मामले में थानेदार और आबकारी निरीक्षक समेत नौ लोगों को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ कच्ची शराब बेचने वालों पर मुकदमा दर्ज कर एक कारोबारी को गिरफ्तार किया है

सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सहारनपुर व कुशीनगर में अवैध शराब से लोगों की मौत की घटना का संज्ञान लिया मुख्यमंत्री ने इन घटनाओं में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपया तथा अस्पतालों में उपचार करा रहे प्रभावितों को 50-50 हजार रुपया की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आबकारी को इन दोनों जनपद में जिला आबकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ पुलिस महानिदेशक को सहारनपुर तथा कुशीनगर के पुलिस अधिकारियों को दायित्व निर्धारित करने के लिए कहा है। इसके साथ उन्होंने आबकारी और पुलिस विभाग को अवैध शराब से जुड़े लोगों के खिलाफ 15 दिन में संयुक्त अभियान चलाने का भी निर्देश दिया है।

‘अगर गाय पालने के लिए शराब पीने को प्रोत्साहित करे तो ऐसी घटनाएं होंगी’

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर कहा कि अगर गाय पालने के लिए सरकार शराब पीने को प्रोत्साहित करेगी तो ऐसी घटनाएं होती रहेंगी. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने शराब पर गौ कल्याण सेस लगाया है.

लोगों को लगता है कि ज्यादा शराब पिएंगे तो ज्यादा गायों की सेवा होगी लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि कौन सी शराब पीनी है. अखिलेश ने कहा कि जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए योगी सरकार जिम्मेदार है. बता दें योगी सरकार ने शराब पर गौ कल्याण सेस लगाया है.

कांग्रेस के विधायक अजय कुमाल लल्लू ने कहा कि पिछले कई दिनों से लगातार जहरीली शराब से मौत की खबरें आ रही हैं और सरकार हाथ पे हाथ धरे बैठी है. सरकार की ओर से अवैध शराब बनाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पूर्वांचल में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं.

कहां से आती है अवैध शराब?

केवल यूपी में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी अवैध शराब से मौत का मामला सामने आया है. रुड़की में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हुई है। इस पर उत्तराखंड सरकार ने 13 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं लेकिन सहारनपुर में कई लोगों का कहना है कि उत्तराखंड बॉर्डर से ही अवैध शराब आ रही है.वहीं कई लोग ये भी कहते हैं कि देवबंद के ही कई गांव में अवैध शराब का कारोबार चलता है.

सस्ती शराब खरीदने के कारण ग्रामीण सरकारी देसी शराब ठेके के बजाए अवैध शराब खरीद लेते हैं.  डीजीपी ओपी सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत के मामले में जांच आईजी साहनपुर और गोरखपुर को सौंपी है. इनको एक हफ्ते में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट डीजीपी ऑफिस को सौंपनी होगी. बताया जा रहा है कि सहारनपुर में जहरीली शराब रुड़की से आई थी.

2015 मलिहाबाद मामले से नहीं ली सीख

साल 2015 में राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद में सरकार की नाक के नीचे चल रहे जहरीली शराब के कारोबार ने कई परिवार तबाह कर दिए थे. मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंच गई थी.

वहीं करीब 155 लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही थी. इस मामले को बीजेपी ने जोर-शोर से उठाया था लेकिन सरकार बनने के बाद अवैध शराब के कारोबार पर सरकार रोक लगाने में विफल साबित हो रही है.

share & View comments