scorecardresearch
Wednesday, 24 April, 2024
होमदेशअपराधऑयल इंडिया HQ पर ‘हालिया वर्षों का सबसे बड़ा साइबर हमला’, हैकर्स ने की बिटकॉयन में 60 करोड़ रुपए की मांग

ऑयल इंडिया HQ पर ‘हालिया वर्षों का सबसे बड़ा साइबर हमला’, हैकर्स ने की बिटकॉयन में 60 करोड़ रुपए की मांग

OIL प्रवक्ता त्रिदीव हज़ारिका का कहना है कि हमले में अभी तक डेटा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है जो कथित रूप से 10 अप्रैल को हुआ है. पुलिस अभी भी हमले के स्रोत की जांच कर रही है.

Text Size:

गुवाहाटी: असम में डिब्रूगढ़ ज़िले के दुलियाजान स्थित सरकारी ऑयल इंडिया लिमिटेड (ऑयल) का पंजीकृत मुख्यालय अपने ऊपर हुए ‘हालिया वर्षों में सबसे बड़े साइबर हमले’ का सामना कर रहा है.

ऑयल प्रवक्ता त्रिदीव हज़ारिका ने दिप्रिंट से कहा, ‘ये एक वायरस है. ये गंभीर और मज़बूत वायरस है. इसने हमारे कुछ सर्वर्स को प्रभावित किया है- जिनकी मरम्मत में समय लगेगा. हम विदेशी एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले रहे हैं’. उन्होंने आगे कहा कि अभी तक कोई डेटा उल्लंघन नहीं हुआ है. ‘ये सबसे बड़ा साइबर हमला है जिसका हमने हाल के वर्षों में सामना किया है’.

डिब्रूगढ़ पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्वेतांक मिश्रा ने बताया कि हैकरों ने 196 बिटकॉयंस की फिरौती मांगी है- जो क़रीब 60 करोड़ रुपए बैठती है.

ये पूछने पर कि क्या किसी डेटा के साथ छेड़छाड़ हुई है, उन्होंने आगे कहा: ‘अभी हिसाब-किताब लगाया जा रहा है, अभी बस यही पता चला है कि ये एक रैंसमवेयर अटैक यानी फिरौती के लिए किया गया हमला है’.

दुलियाजान पुलिस थाने में सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 385 (जबरन वसूली) के अंतर्गत एक एफआईआर दर्ज की गई है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

पुलिस अभी भी हमले के स्रोत की जांच पड़ताल कर रही है.


यह भी पढ़े: करौली जाने से रोकी गई बीजेपी की ‘न्याय यात्रा’, तेजस्वी सूर्य प्रकाश बोले-‘नहीं जाने दिया तो उग्र आंदोलन करेंगे’


‘कोई डेटा ब्रीच नहीं, भारी वित्तीय नुक़सान

पुलिस को दी गई ऑयल की शिकायत में कहा गया है कि ये साइबर हमला 10 अप्रैल को ‘जीएंडआर (भूविज्ञान और जलाशय विभाग) विभागों के एक वर्क स्टेशन पर किया गया’.

ऑयल की शिकायत में, जिसे दिप्रिंट ने देखा है, कहा गया है, ‘अपनी शुरुआती जांच के बाद उन्हें पता चला कि ऑयल के नेटवर्क, सर्वर्स और ग्राहकों के पीसीज़ को रुकावट का सामना करना पड़ रहा है. आगे उन्हें ये भी पता चला कि साइबर हमलावर ने संक्रमित पीसी से एक नोट के ज़रिए फिरौती के रूप में 75,00,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 57 करोड़ रुपए) की मांग की है.

लेकिन, ऑयल प्रवक्ता हज़ारिका ने फिरौती की मांग को ज़्यादा अहमियत नहीं दी.

उन्होंने कहा, ‘ये हैकर्स की सामान्य तरकीबें हैं, जो रैंसमवेयर के ज़रिए लक्षित इकाइयों को डराना चाहते हैं’.

हज़ारिका ने कहा कि वायरस ने कुछ कंप्यूटर्स को संक्रमित कर दिया, जिन्हें बाद में लैन कनेक्शन से हटा दिया गया.

प्रवक्ता के अनुसार, अभी तक डेटा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे संचालन पर- जो ड्रिलिंग और प्रोडक्शन ऑपरेशंस जैसी हमारी दैनिक गतिविधियों का एक प्रमुख हिस्सा होता है- कोई असर नहीं पड़ा है…ईआरपी प्लेटफॉर्म जिसका इस्तेमाल हम अपने व्यापारिक लेनदेन के लिए करते हैं, वो भी बिल्कुल सही चल रहा है’. उन्होंने आगे कहा, ‘हमें बस सभी डेस्कटॉप्स को सक्रिय करने में कुछ समय लग रहा है, जिन्हें एहतियात के तौर पर हमने अपने सिस्टम्स से अलग कर दिया था’.

कंपनी ने अपनी शिकायत में कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को ‘एक भारी वित्तीय नुक़सान’ हुआ है क्योंकि उनका व्यापारिक लेनदेन प्रभावित हुआ है लेकिन उन्होंने नुक़सान की कोई मात्रा नहीं बताई.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़े: ‘UP में नहीं है तू-तू मैं-मैं की जगह, दंगा फसाद दूर की बात,’ योगी बोले- रामनवमी पर 800 जगह निकले जुलूस


share & View comments