अगरतला, 28 नवंबर (भाषा) त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की जनजातीय शाखा गणमुक्ति परिषद (जीएमपी) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित संगठन ‘जनजाति सुरक्षा मंच’ की प्रस्तावित रैली का कड़ा विरोध किया है।
जनजाति सुरक्षा मंच ने ईसाई धर्म अपनाने वाले जनजातीय लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के तहत लाभ नहीं देने की मांग को लेकर यहां 25 दिसंबर को एक रैली का आयोजन किया है।
जीएमपी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश जमातिया ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईसाई धर्म अपनाने वाले जनजातीय लोगों से एसटी का दर्जा वापस लेने की मांग करने वाली रैली का एजेंडा एक सांप्रदायिक अपील के अलावा और कुछ नहीं है।
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया गया है और अगर लोगों को इस लाभ से वंचित किया जाता है तो यह आत्मघाती कदम होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘जीएमपी ने प्रतिबंधित संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) से लड़ाई लड़ी, जिसने 90 के दशक के दौरान राज्य के जनजातीय इलाके में दुर्गा पूजा और लक्ष्मी पूजा जैसे समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह संगठन धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को बनाए रखेगा।’’
जमातिया ने मणिपुर के संदर्भ में कहा कि पड़ोसी राज्य के लोग सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खामियाजा भुगत रहे हैं और वहां छह महीने से अधिक समय से सांप्रदायिक संघर्ष जारी है।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश
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