नई दिल्ली: चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस स्थित थोक दवा मार्केट में कोविड-19 के 12 पॉजिटिव मामले आने के बाद इसे बंद करने का फैसला लिया गया है. यह भारत का सबसे बड़ा होलसेल दवा मार्केट है जो आज यानी रविवार से बृहस्पतिवार तक चार दिनों के लिए बंद कर दिया गया है.
दिल्ली ड्रग डीलर एसोसिएश (डीडीडीए) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अभी तक पॉज़िटिव पाए गए लोगों में एक स्टाफ़ बाकी दुकान मालिक है. पॉज़िटिव लोगों का इलाज़ चल रहा है और बाकी लोग होम क्वारेंटीन में हैं. मार्केट के अन्य लोगों को इंफेक्शन से बचाने के लिए इसे बंद किया गया है.
डीडीडीए के सचिव आशीष ग्रोवर ने कहा, ‘हम दिल्ली सरकार से लगातार मार्केट में कोविड फ़ैलने और इसके हॉटस्पॉट बनने का डर जताते रहे. पर्याप्त कदम उठाने की मांग करते रहे लेकिन हमारी एक नहीं सुनी गई. अंत में हमें मार्केट बंद करना पड़ा.’
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार को श्रम सुधार कानून लाने में हो रही है कठिनाई, लेकिन राज्यों ने इस दिशा में बढ़ाए क़दम
सुस्त पड़ी सरकार बंद हुए बाजार
इस विषय में डीडीडीए ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 28 मई को एक चिट्ठी भी भेजी थी. इसमें लिखा था कि मार्केट में कोविड फ़ैल रहा है और मामले बढ़कर 10-12 हो गए हैं. ये भी लिखा था कि सरकारी महकमें की तरफ़ से कोई मदद नहीं मिल रही है.
एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से ये भी कहा कि उन्हें दवा और सर्जरी से जुड़ी चीज़ों का लोगों के जीवन में अहमियत का पता है और डर जताया गया कि ये एक हॉटस्पॉट बन सकता है जिसकी वजह से मार्केट को बंद करना पड़ सकता है. फिर भी कोई एक्शन नहींं लिया गया और मार्केट बंद करना पड़ा.
इस मार्केट में 500 से अधिक दवा और 400 से अधिक सर्जिकल सामानों की दुकानें हैं. हर दुकान पर चार से पांच लोग काम करते हैं. पुरानी दिल्ली जैसे इलाके में इस सघन मार्केट में सोशल डिस्टेंसिंग वैसे भी मुश्किल है. लेकिन फिर भी मार्केट के लोग अपनी तरफ़ से इसकी पूरी कोशिश कर रहे थे. मार्केट बंद होने से धंधा और मंदा पड़ने की आशंका है.
ग्रोवर ने बताया, ‘लॉकडाउन के पहले माार्केट का टर्नओवर 150-200 करोड़ के बीच रहता था. लॉकडाउन के बाद ये एक तिहाई पर सिमट गया है.’ उन्हें डर है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो कमाई और कम होती चली जाएगी. कमाई घटने के पीछ की वजहों में उन्होंने सरकार द्वारा ट्रांसपोर्टेशन दुरुस्त नहीं रखने को बड़ा कारण बताया.
उन्होंने कहा कि मार्केट में ज़्यादातर व्यापारी अन्य राज्यों से आते हैं. उनके पास आने के बस और ट्रेन जैसे जो साधन होते हैं वो सब ठप पड़े थे. अब जब एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट की आज़ादी है तो मार्केट बंद है.