नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपने सामान्य एवं निजी वार्डों और अपने सभी केंद्रों में मरीजों की नियमित भर्ती और सर्जरी तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू करने का फैसला किया है. यह जानकारी अस्पताल प्रशासन के एक आदेश से मिली.
बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय कोविड-19 रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता में कमी और दिल्ली सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील दिये जाने को देखते हुए लिया गया है.
कोविड-19 महामारी की एक दूसरी लहर से दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हुई थी और इससे प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी. वहीं इस दौरान विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की कमी के मुद्दे ने मुश्किलें और बढ़ा दी थीं.
हालांकि, अब मामलों की संख्या में गिरावट देखी गई है और संक्रमण की दर भी पिछले कई दिनों में घट रही है. पिछले कुछ दिनों में प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी देखी जा रही है.
बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के 158 नये मामले सामने आये और 10 और मरीजों की मौत हो गई, जबकि संक्रमण की दर कम होकर 0.20 प्रतिशत हो गई.
चिकित्सा अधीक्षक द्वारा 16 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि ‘अस्पताल में कोविड-19 रोगियों के भर्ती होने की कम आवश्यकता को देखते हुए और दिल्ली सरकार द्वारा घोषित पूर्ण कर्फ्यू में ढील को देखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि एम्स में सामान्य वार्डों के साथ-साथ निजी वार्डों में सर्जरी सहित मरीजों को नियमित रूप से भर्ती करने की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू की जाए.’
एम्स-दिल्ली ने कुछ दिन पहले ओपीडी सेवाओं को 18 जून तक चरणबद्ध तरीके से फिर से शुरू करने का फैसला किया था जो लगभग दो महीने से निलंबित थी.
सभी क्लीनिकल विभागों के प्रमुखों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रतिदिन नये और अनुवर्ती ओपीडी रोगियों की प्रस्तावित संख्या प्रदान करें जिन्हें ऑनलाइन या टेलीफोन पर नियुक्तियां दी जानी हैं.
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा मंगलवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि अभी ओपीडी पंजीकरण ऐसे रोगियों के लिए केवल ऑनलाइन या टेलीफोन पर किया जाएगा और वॉक-इन पंजीकरण की अनुमति देने का निर्णय कोविड-19 स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा.