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Tuesday, 1 October, 2024
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आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायालय पीठ का गठन करेगा

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नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे एवं मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेगा।

इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण की अगुवायी वाली एक पीठ ने किसानों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण की उस दलील पर गौर किया कि मामले के मुख्य गवाहों में से एक पर हमला किया गया था।

भूषण ने कहा कि गवाह पर हमला करने वाले लोगों ने कहा,‘‘ अब भाजपा जीत गई है,वे उसका ख्याल रखेंगे।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेंगे, जिसने पहले भी इससे जुड़े मामले पर सुनवाई की है। इसके बाद उन्होंने याचिका को बुधवार के लिए सूचीबद्ध किया।

प्रधान न्यायाधीश एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इससे पहले इस घटना से मारे गए लोगों से संबंधित एक मामले की सुनवाई की थी और जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त किया था।

शीर्ष अदालत आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करने के लिए 11 मार्च को सहमत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिये जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की । इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहे थे।

हाल ही में, अधिवक्ता शिव कुमार त्रिपाठी और सी. एस. पांडा ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए एक और याचिका दायर की थी, जिनके पत्र पर शीर्ष अदालत ने घटना का स्वत: संज्ञान लिया था।

गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी।

किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, मिश्रा ने आरोपों को खारिज किया है।

भाषा निहारिका शोभना

शोभना

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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