नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय झारखंड सरकार और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा के खिलाफ लंबित अवमानना याचिका की सुनवाई पर मंगलवार को सहमत हो गया।
सिन्हा पर आरोप है कि 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह पद पर कब्जा जमाये हुए हैं।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि उसने बिहार के पुलिस महानिरीक्षक के तौर पर एस. के. सिंघल की नियुक्ति को चुनौती देने वाली नयी याचिका पर नोटिस जारी किया है और इस लंबित अवमानना याचिका को भी उसी याचिका के साथ नत्थी किया जा सकता है।
अवमानना याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता राजेश कुमार की ओर से पेश वकील विकास मेहता ने मामले को सूचीबद्ध करने का यह कहते हुए न्यायालय से अनुरोध किया कि उनकी याचिका को अंतिम बार पिछले साल तीन सितम्बर को सूचीबद्ध किया गया था, उसके बाद से इसकी सुनवाई नहीं हो सकी है।
अवमानना याचिका के अनुसार सिन्हा झारखंड के डीजीपी से 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन अभी तक पद पर बने हुए हैं।
याचिका का विशेष उल्लेख (मेन्शन) पहले भी कई बार शीर्ष अदालत के समक्ष किया जा चुका है।
शीर्ष अदालत ने 14 जुलाई, 2021 को उसके फैसले का उल्लंघन करने को लेकर अवमानना याचिका पर झारखंड सरकार और इसके शीर्ष अधिकारियों तथा यूपीएससी को नोटिस जारी किये थे। बाद में पीठ ने सिन्हा को भी अवमानना याचिका में पक्षकार बनाया था।
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