scorecardresearch
Saturday, 28 September, 2024
होमदेशन्यायालय ने विप्रो के पूर्व प्रमुख के खिलाफ मामले दायर करने वाले वादी की माफी का संज्ञान लिया

न्यायालय ने विप्रो के पूर्व प्रमुख के खिलाफ मामले दायर करने वाले वादी की माफी का संज्ञान लिया

Text Size:

नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आर सुब्रमण्यन की बिना शर्त माफी का संज्ञान लिया, जिन्होंने विभिन्न कंपनियों के जरिए अजीम प्रेमजी और अन्य के खिलाफ ‘‘ओछी’’ मुकदमेबाजी शुरू की थी। इसने कहा कि विप्रो के पूर्व अध्यक्ष ने माफी स्वीकार करते हुए ‘‘रचनात्मक’’ कदम उठाया है।

सुब्रमण्यन के संगठन ‘इंडियन अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी’ ने बेंगलुरु की एक निचली अदालत में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें तीन कंपनियों से एक निजी ट्रस्ट और एक नवगठित कंपनी को 45,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के हस्तांतरण में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया था।

प्रेमजी और अन्य ने पिछले साल 15 मई के उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें निचली अदालत द्वारा जारी 27 जनवरी, 2021 के समन को रद्द करने का आग्रह करने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

शीर्ष अदालत ने बाद में पांच अक्टूबर को प्रेमजी, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक की अवधि बढ़ा दी थी। उनकी याचिका में बेंगलुरु की अदालत द्वारा एक एनजीओ की ‘ओछी’ और ‘शरारती’ शिकायत पर जारी किए गए समन को रद्द करने का आग्रह किया गया था। शिकायत में प्रेमजी समूह की एक फर्म के साथ तीन कंपनियों के विलय में ‘विश्वास भंग और भ्रष्टाचार’ का आरोप लगाया गया था।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम सुदंरेश की पीठ ने सुब्रमण्यन द्वारा दायर ‘‘ओछी’’ और ‘‘शरारती’’ शिकायत का गंभीर संज्ञान लिया था। इसने बृहस्पतिवार को प्रेमजी और अन्य से माफी मांगने के सुब्रमण्यन के हलफनामे पर गौर किया तथा उन्हें ‘‘अपने जीवन में नया अध्याय शुरू करने’’ की सलाह दी।

इसने कहा, ‘हमें यह जानकर खुशी हो रही है कि अपीलकर्ता (प्रेमजी और अन्य) ने इस मामले पर एक रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है तथा सुब्रमण्यन के पिछले आचरण को माफ करने के लिए सहमत हो गए हैं।’

पीठ ने कहा, ‘सुब्रमण्यन ने अपने पिछले आचरण के लिए माफी मांगी और हमने पिछली तिथि पर उनका आश्वासन इस उम्मीद में लिया कि वह एक नए रास्ते पर चलेंगे।’

इसने कहा, ‘यहां तक ​​​​कि अगर वह इन विभिन्न कार्यवाही में अपने पिछले आचरण के लिए प्रायश्चित करते हैं, तो इससे सुभिक्षा/विश्वप्रिया मुकदमे में विभिन्न दावेदारों के प्रति उनकी विभिन्न जिम्मेदारियां और देनदारियां दूर नहीं होंगी।’

पीठ ने कहा कि इन योजनाओं की विफलता के कारण सुब्रमण्यन और उनके समूह की कंपनियों पर वित्तीय बोझ पड़ा तथा दायित्व से बचने के प्रयास में उन्होंने मुकदमेबाजी शुरू की।

सुब्रमण्यन ने अपने हलफनामे में ‘विभिन्न मंचों पर इन कार्यवाही को शुरू करने सहित पिछले आचरण के लिए माफी मांगी है।’’

पीठ ने सुब्रमण्यन को अपनी सार्वजनिक माफी को संशोधित करने और प्रेमजी फर्म से जुड़े दो अन्य व्यक्तियों के नाम शामिल कर इसे प्रकाशित कराने को कहा।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने प्रेमजी और अन्य के खिलाफ बेंगलुरू की अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और निचली अदालत के न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी थी।

इसने अधिवक्ता आर सुब्रमण्यन से प्रेमजी और अन्य लोगों के खिलाफ “तुच्छ मुकदमेबाजी का जाल रचने” के लिए बिना शर्त माफी मांगने को भी कहा था।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments