लखनऊ, 12 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कानपुर आईआईटी की छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में कानपुर के अपर पुलिस आयुक्त (एसीपी) मोहम्मद मोहसिन खान के निलंबन पर सोमवार को रोक लगा दी।
पीठ ने राज्य सरकार को मामले में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई तय की।
न्यायमूर्ति के. एस. पवार की पीठ ने खान द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया।
याचिका में मोहसिन खान के निलंबन आदेश को चुनौती दी गई थी।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियम 1956 के नियम 29(1) पर समुचित विचार करने के बाद वी.एन. दैपुरिया मामले में 2015 में पारित निर्णय और शाहजहां खान मामले में 2002 में दिए गए निर्णय के अनुसार न्यायालय के अगले आदेश तक निलंबन आदेश पर रोक लगाई जाती है।’’
याचिकाकर्ता खान की ओर से दलील देते हुए अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने कहा कि छह मार्च 2025 को स्वतंत्र रूप से विचार किए बगैर खान के निलंबन की संस्तुति कर दी गई थी।
उन्होंने इस आरोप को भी खारिज किया कि याचिकाकर्ता का किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध था।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील देते हुए कहा, ‘‘विवाहित होने के बावजूद किसी अन्य महिला के साथ यौन संबंध रखना कदाचार नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956 के नियम 29(1) के तहत पहली शादी के रहते दूसरी शादी करना कदाचार माना जाता है। हालांकि, कानूनी रूप से विवाहित होते हुए किसी अन्य महिला के साथ संबंध बनाए रखना कदाचार नहीं है।
पीठ ने सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए खान के निलंबन पर रोक लगा दी और राज्य सरकार से अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा।
आईआईटी कानपुर की एक छात्रा ने 12 दिसंबर 2024 को मोहसिन खान के खिलाफ शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच के बाद पुलिस की रिपोर्ट पर खान को निलंबित कर दिया गया था।
भाषा सं सलीम जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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