नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) हरियाणा के पंचकूला की एक अदालत ने निलंबित न्यायाधीश सुधीर परमार को रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार को छह दिन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
परमार को धनशोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तारी के बाद पंचकूला जिला अदालत में पेश किया गया।
सूत्रों ने बताया कि अदालत ने उन्हें छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।
धनशोधन का यह मामला अप्रैल में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पंचकूला में विशेष पीएमएलए अदालत में तैनात पूर्व विशेष केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी न्यायाधीश सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और एम3एम समूह के तीसरे प्रवर्तक रूप कुमार बंसल के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है।
एजेंसी ने पहले इस मामले में पूर्व न्यायाधीश के भतीजे अजय परमार, रियल एस्टेट कंपनी ‘एम3एम’ के दो प्रवर्तकों बसंत बंसल और उनके पुत्र पंकज बंसल और एक अन्य रियल्टी समूह ‘आईआरईओ’ के मालिक एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) ललित गोयल को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कहा था कि एसीबी की प्राथमिकी के अनुसार विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि सुधीर परमार ईडी के आपराधिक मामलों और सीबीआई के अन्य लंबित मामलों में आरोपियों-रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और आईआरईओ के ललित गोयल की ‘तरफदारी’ कर रहे थे।
ईडी ने एक बयान में कहा कि एसीबी की प्राथमिकी में कहा गया है कि ‘‘विश्वसनीय जानकारी के मुताबिक (न्यायाधीश मामले में) गंभीर कदाचार, आधिकारिक पद का दुरुपयोग और अपनी अदालत में लंबित मामलों में आरोपी व्यक्तियों से अनुचित लाभ/रिश्वत की लेने की घटनाएं देखी गईं।”
एसीबी के मामला दर्ज करने के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सुधीर परमार को निलंबित कर दिया था।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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