नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडियावन’ की उस याचिका पर बृहस्पतिवार को केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें सुरक्षा कारणों से उसका प्रसारण बंद करने का फैसला बरकरार रखने के केरल उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी गयी है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा कि वह याचिका पर नोटिस जारी कर रहे हें और केंद्र से फाइल देने को कह रहे हैं जिस पर उच्च न्यायालय का फैसला आधारित था।
उसने आदेश दिया, ‘‘अंतरिम राहत के लिए विशेष अनुमति याचिका और अर्जी पर 15 मार्च 2022 तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया जाता है। प्रतिवादी (केंद्र) सभी संबंधित फाइलें पेश करें, जिस पर उच्च न्यायालय का फैसला आधारित था।’’
सुनवाई की शुरुआत में चैनल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, दुष्यंत दवे और हुजेफा अहमदी ने कहा कि यह मामला सत्ता के घोर दुरुपयोग का है। रोहतगी ने कहा कि लाइसेंस के नवीनीकरण में सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती और चैनल 12 वर्षों से चल रहा है।
उन्होंने चैनल के हवाले से कहा, ‘‘मुझे पूरी तरह बंद कर दिया गया है। हमारा छोटा-सा क्षेत्रीय चैनल है। हमारे सैकड़ों कर्मचारी हैं जो अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। अंतरिम राहत दी जाए।’’
पीठ ने मामले पर सुनवाई के लिए अगले मंगलवार की तारीख तय कर दी है।
इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम समाचार चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था और केंद्र सरकार के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती देने वाली ‘माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ की याचिका को खारिज कर दिया था। मीडियावन का संचालन ‘माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ कंपनी करती है।
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गोला प्रशांत
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