नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक आरोपी की जमानत याचिका पर उस समय सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जब उसने पाया कि आवेदक के पिता ने अदालत के खिलाफ ‘‘असंसदीय’’ भाषा का प्रयोग किया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरमोहिना कौर की अदालत अमन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके खिलाफ बाबा हरिदास पुलिस थाने में एक अक्टूबर, 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
ग्यारह नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुए, जबकि उसके पिता अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आवेदक या आरोपी के पिता असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं और अदालत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। चेतावनी के बावजूद, आवेदक के वकील के अनुरोध पर 22 नवंबर की तारीख दिए जाने के बाद भी वह अनुचित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह अदालत कानून के अनुसार मामले की सुनवाई करने को उपयुक्त नहीं समझती। इसे देखते हुए, जमानत मामले और मुख्य आरोप पत्र को उचित आदेश के लिए दक्षिण-पश्चिम जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष रखा जाना चाहिए।’’
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश
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