बेंगलुरु, तीन अप्रैल (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार के ‘सहयोग’ पोर्टल से अनिवार्य रूप से जुड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर ‘एक्स कॉर्प’ (पूर्व में ट्विटर) को राहत देने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस समय कंपनी के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई से आशंकित होने का कोई कारण नहीं है।
अदालत ने यह भी कहा कि ‘एक्स’ को उसके खिलाफ कोई कार्रवाई होने पर सुरक्षा मांगने की स्वतंत्रता दी गई है।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ‘एक्स कॉर्प’ की उस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, जिसमें सरकार के एक निर्देश के खिलाफ अपील की गई है। इस निर्देश में ‘एक्स’ से सहयोग पोर्टल से जुड़ने के लिए कहा गया है।
सहयोग पोर्टल सोशल मीडिया और इंटरनेट मध्यस्थों के लिए सामग्री पर रोक लगाने संबंधी एक मंच है।
एक्स कॉर्प की दलील है कि इस तंत्र में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए के तहत उल्लिखित कानूनी सुरक्षा उपायों का अभाव है।
एक्स कॉर्प का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता केजी राघवन ने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक श्रेया सिंघल मामले में धारा 69ए की वैधता को बरकरार रखा है, क्योंकि इसमें निर्णय के बाद सुनवाई समेत अंतर्निहित सुरक्षा उपाय मौजूद हैं।
केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ ने जोर देकर कहा कि सभी मध्यस्थों को ‘कंटेंट मॉडरेशन’ आवश्यकताओं समेत भारतीय कानूनों का पालन करना होगा।
इस मामले पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
भाषा जोहेब पारुल
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