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Saturday, 15 June, 2024
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न्यायालय ने पटाखा फैक्ट्री विस्फोट पर एनजीटी के आदेश को रद्द किया

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नयी दिल्ली, 23 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल तमिलनाडु के विरुद्धनगर जिले में एक पटाखा फैक्ट्री विस्फोट के पीड़ितों के उत्तराधिकारियों को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश को रद्द कर दिया है । इस विस्फोट में 19 श्रमिकों की मौत हो गई थी।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि एनजीटी ने एकतरफा कार्यवाही की और अधिकरण को मामले पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया।

पीठ ने अपने हालिया फैसले में कहा, ‘‘तदनुसार, न्याय के हित में, हम इस फैसले और आदेश को निरस्त करना उचित समझते हैं । अपीलकर्ताओं सहित संबंधित पक्षों को एक अवसर देने के बाद नए सिरे से पूरे मामले पर पुनर्विचार के लिए और कानून के अनुसार उचित आदेश पारित करने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण के समक्ष पार्टियों को फिर से भेजा जाता है।’’

शीर्ष अदालत के समक्ष वकील के माध्यम से पेश होने वाले पक्षों को 14 फरवरी, 2022 को अधिकरण के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है, और एनजीटी को उस दिन मामले पर आगे बढ़ने या सुनवाई के लिए ऐसी उपयुक्त तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया गया, जो उसके लिए सुविधाजनक हो।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने 11 जून 2021 को अपना फैसला सुनाया था । एनजीटी के आदेश को चुनौती देते हुये तमिलनाडु फायरवर्क्स एंड अमोर्सेस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने अपील की थी जिस पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हो रही थी ।

अधिकरण ने विरूद्धनगर के जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से तमिलनाडु को मरने वालों के उत्तराधिकारियों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया था ।

भाषा रंजन नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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