नयी दिल्ली,21 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक प्राधिकारों के अपने कामकाज के बारे में स्वत: संज्ञान लेते हुए अहम सूचना का खुलासा करने का अधिकार देने वाले सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के एक प्रावधान को प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए दायर याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया।
पीठ किशन चंद जैन नाम के एक वयक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा चार को प्रभावी रूप से लागू करने का अनुरोध किया है। यह धारा, सार्वजनिक प्राधिकारों के दायित्वों से संबद्ध है।
जनहित याचिका में दलील दी गई है कि यह प्रावधान आरटीआई अधिनियम की ‘आत्मा’ है, जिसके बगैर यह महज एक सजावटी कानून रह जाएगा।
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