नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक ऐप-आधारित टैक्सी कंपनी के दो निदेशकों को जमानत दे दी है। इन पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी में निवेश पर भारी रिटर्न का वादा करके सैकड़ों लोगों से 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस तथ्य पर गौर करते हुए दोनों आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया कि वे एक साल से अधिक समय से हिरासत में हैं और उन्हें अब और हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने कहा, ‘‘दोनों याचिकाकर्ता एक साल से अधिक समय से हिरासत में हैं। आरोपपत्र के साथ-साथ पूरक आरोपपत्र दायर किया जा चुका है और उपलब्ध सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं और जांच एजेंसी के पास हैं।’’
अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं (आरोपी) को धोखाधड़ी का पैसा सौंपा गया था या नहीं, यह मुकदमे की सुनवाई का मामला है और इस समय इस पर विचार नहीं किया जा सकता। इसलिए, इस अदालत की राय है कि याचिकाकर्ताओं को हिरासत में रखने की अब आवश्यकता नहीं है और दोनों याचिकाकर्ताओं को जमानत प्रदान की जानी चाहिए।’’
अदालत ने आरोपी सुंदर सिंह भाटी और राजेश महतो में से प्रत्येक को 1.5 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदार प्रस्तुत करने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने या मामले में गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करने का निर्देश दिया।
भाटी को 9 दिसंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था जबकि महतो को 22 अगस्त, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ‘हैलो टैक्सी’ कंपनी के दो निदेशकों को करोड़ों रुपये के धोखाधड़ी मामले में उनकी कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था।
भाषा अमित अनूप
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