नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग लड़के का अपहरण करने और उसकी हत्या का प्रयास करने के आरोपी व्यक्ति को पीड़ित की ‘‘गवाही’’ के आधार पर दोषी ठहराया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत मोहम्मद मोई उर्फ मोहित के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे।
विशेष सरकारी वकील विनीत दहिया ने कहा कि आरोपी ने बच्चे का अपहरण किया, उसे एक सुनसान जगह पर ले गया और उसे शराब पीने के लिए मजबूर किया और किसी नुकीली चीज से उस पर वार किया तथा इसके बाद ईंट से उसके सिर पर बार-बार वार किया।
अदालत ने आठ मई को पारित अपने 42-पृष्ठ के आदेश में कहा कि बच्चा उस घटना का ‘‘वास्तविक’’ गवाह था और उसकी गवाही की ‘मेडिको-लीगल केस’ (ऐसे मामले जिसमें चिकित्सा और कानून दोनों का संबंध होता है) और फोरेंसिक साक्ष्य पुष्टि करते हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘जांच अधिकारी की ओर से चूक हुई है क्योंकि उन्होंने पुलिस नियंत्रण कक्ष पीसीआर में फोन करने वाले व्यक्ति (जिसने पुलिस को परित्यक्त एवं घायल बच्चे के बारे में सूचित किया) की जांच नहीं की और आरोपी की गिरफ्तारी से पहले उसकी शर्ट को लेकर बयान के संबंध में मालखाना रिकॉर्ड (जांच के दौरान पुलिस द्वारा जब्त की गई संपत्ति को संग्रहीत करने का स्थान) में विसंगतियां पाई गईं, जो घायल बच्चे की गवाही को खारिज करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।’’
भाषा सुरभि माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.