scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशकठुआ मामले में जम्मू-कश्मीर की कोर्ट का एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश

कठुआ मामले में जम्मू-कश्मीर की कोर्ट का एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर का निर्देश

अदालत ने पुलिस को एसआईटी के उन छह सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जिन्होंने कठुआ के एक गांव में आठ वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार और हत्या मामले की जांच की थी.

Text Size:

जम्मू : जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने कठुआ में 2018 में एक बालिका के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) के छह सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का मंगलवार को पुलिस को निर्देश दिया.

अदालत ने पुलिस को एसआईटी के उन छह सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जिन्होंने कठुआ के एक गांव में आठ वर्षीय बालिका के साथ बलात्कार और हत्या मामले की जांच की थी तथा गवाहों को झूठे बयान देने के लिए कथित तौर पर उनका उत्पीड़न किया था और उन्हें विवश किया.

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रेम सागर ने मामले के गवाहों सचिन शर्मा, नीरज शर्मा और साहिल शर्मा की एक याचिका पर जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को निर्देश देते हुए कहा कि इन छह लोगों के खिलाफ संज्ञेय अपराध बनता है.

अदालत ने तत्कालीन एसएसपी आर के जल्ला (अब सेवानिवृत्त), एएसपी पीरजादा नाविद, पुलिस उपाधीक्षकों शतम्बरी शर्मा और निसार हुसैन, पुलिस की अपराध शाखा के उप निरीक्षक उर्फन वानी और केवल किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और जम्मू के एसएसपी से 11 नवम्बर को मामले की अगली सुनवाई पर अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने इस वर्ष जून में तीन मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जबकि मामले में सबूत मिटाने के लिए अन्य तीन को पांच वर्ष जेल की सजा सुनाई थी. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मामले की सुनवाई को पंजाब में पठानकोट स्थानांतरित कर दिया गया था.

भाजपा ने आरोपियों के समर्थन में एक रैली में हिस्सा लेने के लिए राज्य के अपने दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चन्द्र प्रकाश गंगा को बर्खास्त कर दिया था. कठुआ मामले में दाखिल किए गए आरोप पत्र के अनुसार बालिका का 10 जनवरी, 2018 को अपहरण किया गया और उसके साथ बलात्कार किया गया. बाद में उसकी हत्या कर दी गई.

share & View comments