नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को चांदनी चौक तथा सुभाष मार्ग के ‘नो-हॉकिंग जोन’ से सभी अनधिकृत फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा पेश की गयी कई तस्वीरों पर गौर करने के बाद यह आदेश दिया। उन तस्वीरों में चांदनी चौक और सुभाष मार्ग में अवैध और अनधिकृत फेरीवालों की गतिविधियों को दिखाया गया है।
अदालत ने कोतवाली थाने के प्रभारी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त को अभियान चलाने एवं एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। व्यापार मंडल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव रल्ली और वकील मोहित मुद्गल ने दलीलें दीं। याचिका में अनुरोध किया गया है कि अधिकारियों को चांदनी चौक में ‘नो-हॉकिंग जोन’ से अवैध फेरीवालों और विक्रेताओं को हटाने का निर्देश दिया जाए। हाल ही में चांदनी चौक क्षेत्र का पुनर्विकास किया गया है।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने कहा था कि सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वालों को हटाया जाना चाहिए और इस बात की अनुमति नहीं दी जा सकती कि बाजारों में फुटपाथ अतिक्रमण से ढंके हों और लोगों के पैदल चलने के लिए कोई जगह नहीं हो।
अदालत ने नगर निगम से फेरी के संबंध में योजना तैयार करने को भी कहा था।
भाषा अविनाश नरेश
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