कोच्चि, सात फरवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने पिछले साल अलप्पुझा में भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवास की हत्या के एक आरोपी को जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि यह बताने के लिए सामग्री है कि वह हत्या के पीछे की साजिश का हिस्सा था।
न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी ने कहा कि वह आरोपी व्यक्ति के इस दावे को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि उसके खिलाफ एकमात्र आरोप यह है कि उसने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 212 (अपराधी को शरण देना) के तहत अपराध किया है जो एक जमानती अपराध है।
अदालत ने कहा, “प्रथम दृष्टया, पर्याप्त सामग्री है जिनसे संकेत मिलता है कि रंजीत की हत्या की साजिश का वह हिस्सा था।”
भाजपा नेता की 19 दिसंबर 2021 को उनके परिवार के सामने ही हत्या कर दी गई थी। इससे एक दिन पहले ही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राज्य सचिव के एस शान की हत्या कर दी गई थी।
शान पर 18 दिसंबर, 2021 को रात घर वापस जाते समय बेरहमी से हमला किया गया था। एक कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी थी और जैसे ही वह नीचे गिरे, हमलावरों ने उन पर लगभग 40 वार किए जिससे उनकी मौत हो गई।
अगले ही दिन सुबह कई हमलावर रंजीत के घर में घुस आए और उसके परिवार के सामने उसकी हत्या कर दी।
आरोपी ने दावा किया था कि वह साजिश का हिस्सा नहीं था, लेकिन वरिष्ठ लोक अभियोजक पी नारायणन ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इस बात के सबूत हैं कि वह भाजपा नेता को मारने की साजिश का हिस्सा था।
उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी को शान हत्याकांड में तीन आरोपियों को जमानत दे दी थी। रंजीत हत्याकांड में भी आरोपी ने इसी तरह की राहत मांगी थी लेकिन अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी।
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