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Monday, 18 August, 2025
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अदालत ने लापरवाही से मौत के मामले में डॉक्टर के खिलाफ आपराधिक मुकदमा बंद किया

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नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित तौर पर लापरवाही से नाबालिग मरीज की मौत के मामले में एक डॉक्टर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही बंद करते हुए कहा कि जब पक्षकारों के बीच समझौता हो चुका है तो मामले में अभियोजन को आगे बढ़ाने की अनुमति देने का कोई मतलब नहीं है।

डॉक्टर की याचिका पर प्राथमिकी रद्द करते हुए न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि दिल्ली चिकित्सा परिषद की अनुशासनात्मक समिति के अनुसार याचिकाकर्ता ‘‘निर्णय की त्रुटि का दोषी था न कि लापरवाही का’’ और उसने मृतका के पिता के साथ हुए समझौते के तौर पर उन्हें 8.5 लाख रुपये दिए हैं।

अदालत ने हाल के एक आदेश में कहा, ‘‘अगर आपराधिक कार्यवाही को आगे बढ़ाने की अनुमति दी जाती है तो अदालत को इसमें कोई सार्थक उद्देश्य नहीं दिखायी देता। यह मामला रद्द करने के लिए उपयुक्त है। इसे देखते हुए मुकदमे को जारी रखने की कोई वजह नहीं है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि मृतका के पिता ने मामले पर विराम लगाने का फैसला किया है।

मृतका के पिता की शिकायत पर दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार, उनकी बेटी की अप्रैल 2014 में 16 साल की उम्र में मृत्यु हो गयी थी और याचिकाकर्ता की कथित चिकित्सीय लापरवाही के कारण मौत हुई, जो उनकी बेटी का इलाज कर रहा था।

अदालत ने कहा कि दिल्ली चिकित्सा परिषद ने अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता ने मरीज को छाती के एक्स-रे आदि जैसी मूल जांच की सलाह न देने के लिए निर्णय में त्रुटि की और मरीज ने खुद भी लगातार इलाज नहीं कराया तथा सजा के तौर पर डॉक्टर को छह महीने की अवधि के भीतर तपेदिक और छाती रोग के विषय पर 10 घंटे की चिकित्सा शिक्षा लेने का निर्देश दिया गया।

भाषा गोला अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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