नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आगामी शिक्षण सत्र में केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह साल करने के केंद्रीय विद्यालय संगठन के फैसले के खिलाफ पांच साल की एक बच्ची की याचिका पर मंगलवार को केंद्र का रुख पूछा।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) से भी जवाब मांगा और अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की। याचिका में दावा किया गया है कि आयु मानदंड में बदलाव संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21-ए के तहत याचिकाकर्ता को प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का तथा दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 और बच्चों को निशुल्क एवं अनिर्वाय शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों का उल्लंघन है। न्यूनतम आयु पहले 5 वर्ष थी।
याचिकाकर्ता बच्ची यूकेजी की छात्रा है। उसकी ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दावा किया कि केवीएस ने अचानक से कक्षा-1 में प्रवेश के आयु मानदंड को बढ़ाकर छह साल कर दिया और पिछले महीने प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से महज चार दिन पहले केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए उनके पोर्टल पर दिशानिर्देश डाले गये।
याचिका में इस बदलाव को मनमाना, भेदभावपूर्ण, अनुचित, अतर्कसंगत कहा गया है।
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वैभव अनूप
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