नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आपराधिक मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे कांग्रेस सांसद कार्ति चिदम्बरम को इस माह के अंत में विदेश जाने की मंगलवार को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को उन्हीं शर्तों पर विदेश जाने देने की अनुमति दी जाती है, जैसी शर्तें पहले लगाई जा चुकी हैं और उन्हें (कार्ति को) उस आदेश में उल्लेखित सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को अर्जी के बारे में अवगत कराया, जिसमें विदेश जाने की अनुमति मांगी गयी थी।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की और कहा कि याचिकाकर्ता को पूर्व की शर्तों के साथ विदेश जाने की अनुमति दी जा सकती है।
सिब्बल ने गत वर्ष 25 अक्टूबर के आदेश का उल्लेख किया जिसके तहत कार्ति को विदेश जाने की अनुमति दी गयी थी और पीठ को आश्वस्त किया कि कार्ति फरवरी में एक करोड़ रुपये जमा करा देंगे।
कांग्रेस सांसद एयरसेल मैक्सिस करार और आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश के लिए कथित तौर पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने संबंधी आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एफआईपीबी की मंजूरी के लिए 305 करोड़ रुपये लिये थे, उस वक्त कार्ति के पिता एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदम्बरम केंद्र में वित्त मंत्री थे।
कार्ति और उनके पिता ने इन आरोपों से इनकार किया है।
इस बीच, शीर्ष अदालत ने धनशोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के कुछ निश्चित प्रावधानों की व्याख्या से संबंधित विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई जारी रखी।
सिब्बल ने कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से अपनी दलीलें मंगलवार को भी पेश कीं। अब इस मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी।
शीर्ष अदालत ने पिछले सप्ताह कहा था कि इन याचिकाओं में उठाये गये मुद्दों पर ‘समग्र रवैया’ अपनाये जाने की जरूरत है।
भाषा सुरेश अनूप
अनूप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.