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Thursday, 14 November, 2024
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देश स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सांकेतिक समाधान से समग्र समाधान की ओर बढ़ गया है: मांडविया

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नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को ‘टेली-कंसल्टेशन’ सेवाओं को व्यापक रूप से अपनाये जाने का जिक्र करते हुए कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सांकेतिक समाधान से समग्र समाधान की ओर बढ़ गया है।

मंत्री ने कहा कि ई-संजीवनी के जरिये विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान की जा रही है।

सरकार ने कहा कि 1,17,400 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) का संचालन शुरू हो गया है।

सरकार ने कहा कि वह दिसंबर 2022 तक इसतरह के 1,50,000 केंद्र स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और एक लाख से अधिक लोगों ने ई-संजीवनी एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर भी पंजीकरण किया है।

मांडविया ने कहा, ‘‘कई राज्यों में लोग ई-संजीवनी के फायदों को पहचानने लगे हैं और इससे स्वास्थ्य सेवाओं की मांग के इस डिजिटल तरीके को व्यापक रूप से तेजी से अपनाने की एक उत्साहजनक प्रवृत्ति देखने को मिली है।’’

मंत्री ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की चौथी वर्षगांठ समारोह की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अध्यक्षता करते हुए कहा, ‘‘मरीज स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के लिए इस अभिनव डिजिटल माध्यम का उपयोग कर दैनिक आधार पर डॉक्टर और विशेषज्ञों से परामर्श करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि दूर-दराज के इलाकों के लोगों के लिए ‘टेली-कंसल्टेशन’ सेवाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में मददगार हैं।

उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एबी-एचडब्ल्यूसी स्वास्थ्य मेलों के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी, जो सभी एचडब्ल्यूसी में 17 अप्रैल को आयोजित होने वाले योग सत्रों के अलावा 18-22 अप्रैल तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने राज्यों को इस स्वास्थ्य मेले के दौरान बड़े पैमाने पर टीबी, सर्वाइकल कैंसर, मधुमेह और मुंह के कैंसर की जांच करने की सलाह दी।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि सरकार दिसंबर 2022 तक 1,50,000 आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है।

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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