लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश मूल रूप से ‘बिमारू’ राज्य नहीं था, बल्कि भ्रष्ट राजनीतिक दलों, वंशवाद और पक्षपातपूर्ण नियुक्तियों ने इसे पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया. यह बात उन्होंने लोक भवन ऑडिटोरियम में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में कही.
इस कार्यक्रम में यूपीएसएसएससी की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 2,425 महिला पर्यवेक्षकों और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए.
सीएम योगी ने कहा कि 1947 से 1960 तक यूपी देश के अग्रणी राज्यों में था और राष्ट्रीय जीडीपी में 14 प्रतिशत से अधिक योगदान देता था. योगी ने कहा, “पतन की शुरुआत 1960 के बाद हुई और 1990 के बाद यह और तेज़ हो गया. 2017 तक यूपी की हिस्सेदारी घटकर 8 प्रतिशत से भी कम रह गई.” सीएम ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार, दंगे और उपेक्षा के कारण युवाओं को पलायन करना पड़ा और वे बाहर भी पहचान के संकट से जूझते रहे.
भर्ती में पारदर्शिता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अब अवसर दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों के योग्य युवाओं तक पहुंच रहे हैं. सीएम ने कहा, “हर युवा सपने देखता है, लेकिन जब वह भेदभाव का शिकार होता है तो यह पूरे देश की हानि होती है. आज की निष्पक्ष नियुक्तियां इस बात का सबूत हैं कि प्रतिभा हर जगह है—बस अवसर चाहिए.”
नवनियुक्त महिला पर्यवेक्षकों और फार्मासिस्टों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका पोषण और बाल कल्याण सुनिश्चित करने में अहम होगी. योगी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र विकसित भारत 2047 की नींव बनेंगे. उन्होंने कहा, “स्वस्थ बचपन ही समृद्ध भविष्य की गारंटी है.” उन्होंने नियुक्त कर्मियों से ईमानदारी व निष्पक्षता से सेवा करने का आग्रह किया. सीएम ने उनकी भूमिका की तुलना “मां यशोदा द्वारा नन्हे कृष्ण की परवरिश” से की.
प्रतिभा और ऊर्जा से संपन्न युवा शक्ति के सपनों को साकार तथा उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी का अवसर प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।
इसी शृंखला में आज उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से चयनित 2,425… pic.twitter.com/tDFfIqVR3Q
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 27, 2025
विपक्ष की स्कूलों के विलय पर आलोचना का जवाब देते हुए योगी ने कहा कि जर्जर भवनों को हटाकर और छात्र-शिक्षक अनुपात सुधारकर राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर रही है. उन्होंने कहा, “खाली पड़े स्कूलों में बाल वाटिका और प्री-प्राइमरी कक्षाएं चलेंगी, जिससे बच्चों को सुरक्षित और आधुनिक सुविधा मिलेगी.”
महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में 40,000 से अधिक महिलाएं पुलिस बल में शामिल हुईं, जबकि 1947 से 2017 के बीच यह संख्या सिर्फ 10,000 थी. उन्होंने कन्या सुमंगला योजना (26 लाख बेटियों को लाभ), सामूहिक विवाह योजना (4 लाख महिलाओं को मदद) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं का भी उल्लेख किया.
एनएफएचएस सर्वे के आंकड़े साझा करते हुए सीएम ने बताया कि 2017 से अब तक महिलाओं में एनीमिया की दर 5.1 प्रतिशत घटी है. बच्चों में स्टंटिंग, अंडरवेट और वेस्टिंग की समस्या भी कम हुई है. शिशु मृत्यु दर 38 और मातृ मृत्यु दर 197 पर आ गई है. उन्होंने इस सुधार का श्रेय पोषण अभियानों और आंगनबाड़ी सुधारों को दिया.
विभागीय उपलब्धियां गिनाते हुए योगी ने कहा कि इस वर्ष 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और 3,000 सहायकों को पदोन्नति दी गई है. 22,290 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया गया है और 1.9 लाख से अधिक पदों को मंज़ूरी दी गई है. ऑपरेशन कायाकल्प के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों का आधुनिकीकरण भी किया गया है.
सीएम ने कहा, “आज की ये नियुक्तियां केवल नौकरियां नहीं हैं, बल्कि जिम्मेदारियां हैं. आपकी ईमानदारी और मेहनत से उत्तर प्रदेश ‘बिमारू’ राज्य की छवि से बाहर निकलकर एक सशक्त और समृद्ध राज्य बनेगा.”