नई दिल्ली : मालदीव से 698 भारतीय नागरिकों को लेकर नौसैन्य पोत आईएनएस जलाश्व रविवार सुबह कोच्चि बंदरगाह पहुंचा. इसके साथ ही कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के दौरान विदेशी सरजमीं से भारतीयों को निकालने का भारतीय नौसेना का पहला बड़ा अभियान पूरा हो गया.
पोर्ट ट्रस्ट ने एक बयान में कहा, ‘मालदीव से लाए गए 698 लोगों का पहला समूह आज (रविवार) सुबह साढ़े नौ बजे भारतीय नौसेना के पोत ‘आईएनएस जलाश्व’ से कोचीन बंदरगाह पहुंचा.’
इस समूह में 595 पुरुष और 103 महिलाएं हैं. इनमें से 10 साल से कम आयु के 14 बच्चे और 19 गर्भवती महिलाएं हैं.
ज्यादातर यात्री केरल और तमिलनाडु के हैं जबकि 18 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नागरिक भी जहाज में हैं. इस जहाज ने शुक्रवार रात को माले से कोच्चि की यात्रा शुरू की थी.
बयान में बताया गया कि जहाज बीटीपी जेट्टी पर रुका और समुद्रिका क्रूज टर्मिनल पर यात्रियों को उतारने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस महानिरीक्षक विजय सखारे ने बताया कि विदेश से लाए गए नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के लिए सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं. इनमें केरल के 440 लोग और बाकी देश के अन्य हिस्सों के लोग हैं.
चार यात्री लक्षद्वीप के हैं. इनके अलावा तमिलनाडु के 187, तेलंगाना के नौ, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के आठ-आठ, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा राजस्थान के तीन-तीन और गोवा एवं असम के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं.
सूत्रों ने बताया कि सात-सात यात्री उत्तराखंड तथा पश्चिम बंगाल के, चार दिल्ली के, तीन पुडुचेरी के हैं जबकि दो-दो यात्री उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा झारखंड के हैं.
पोर्ट ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के लक्षणों वाले यात्रियों को पहले उतारा जा रहा है. इसके बाद जिले के अनुसार छोटे-छोटे समूहों में दूसरे लोगों को उतारा जाएगा.
बंदरगाह स्वास्थ्य संगठन यहां पहुंचे यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर रहा है. अधिकारी ने बताया कि टर्मिनल के भीतर सीमा शुल्क और आव्रजन प्रक्रियाएं चल रही हैं. टर्मिनल में बीएसएनएल द्वारा सिम कार्ड बांटने और यात्रियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने की व्यवस्था भी की गई है.
टर्मिनल पर पोर्ट ने सामान को संक्रमण मुक्त करने और निशुल्क वाईफाई की सुविधा भी दी है. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने एम्बुलेंस, बसों और टैक्सियों से यात्रियों को अस्पतालों या पृथक केंद्रों तथा घर में ही पृथक-वास करने के लिए उन्हें वहां तक पहुंचाने का बंदोबस्त भी किया है. जिला प्रशासन, पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग ये बंदोबस्त कर रहे हैं.