मुंबई: कोरोनावायरस संकट के चलते कर्नाटक के बाद अब महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को पहुंचे नुकसान के मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल ने विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के वेतन में इस महीने से लेकर अगले साल मार्च तक 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है.
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य की अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने से जुड़े कदमों की सिफारिशें करने के लिये दो समितियां गठित करने का भी फैसला किया गया.
राज्य के वित्त मंत्री पवार ने बैठक के बाद कहा, ‘विधायक और विधायक पार्षद के वेतन में अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया गया है.’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने कुछ समितियां गठित करने का भी फैसला किया है जो अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के तरीके सुझाएगी.
पवार ने कहा कि एक समिति में अर्थशास्त्री, उद्योगपति, सेवानिवृत्त नौकरशाह और वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी होंगे.
वहीं, दूसरी समिति में अजीत पवार और वरिष्ठ मंत्री होंगे.
उन्होंने कहा कि एक मई को महाराष्ट्र स्थापना दिवस सिर्फ राष्ट्र ध्वज फहरा कर मनाने का फैसला लिया गया है.
बैठक के दौरान मंत्रियों ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर जारी लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने और प्रवासी कामगारों के लिये आश्रय गृहों/रैन बसेरों में उपलब्ध कराये जा रहे भोजन से जुड़े विषय पर भी चर्चा की.
कर्नाटक में भी जनप्रतिनिधियों का वेतन कटेगा
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने राज्य में मंत्रियों और विधायकों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी की कटौती को मंजूरी दी. यह जानकारी कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने दी है.