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Monday, 18 November, 2024
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सजायाफ्ता कैदी ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में लगाई फांसी, न्यायिक मजिस्ट्रेट जांच शुरू

26 वर्षीय दोषी को जेल के बैरक नंबर 8-9 मे बंद किया गया था और कथित रूप से कैदियों लिए बने आम शौचालय एरिया में फांसी लगाकर उसने जान दी है.

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नई दिल्ली : एक सजाायफ्ता कैदी ने मंगलवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जेल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.

मृतक की पहचान जावेद के रूप में हुई है, तिहाड़ जेल के अधिकारियों के मुताबिक उसे अतिरिक्त सत्र न्यायधीश की अदालत ने 2016 में दिल्ली के मालवीय नगर में लूटपाट एक के मामले में दोषी करार दिया था.

26 वर्षीय दोषी को जेल के बैरक नंबर 8-9 मे बंद किया गया था और कथित रूप से कैदियों लिए बने आम शौचालय एरिया में फांसी लगाकर उसने जान दी है, अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.

मामले में एक न्यायिक मजिस्ट्रेट की जांच चल रही है. आगे की जानकारी का इंतजार है.

आत्महत्या की यह घटना तब सामने आई है जब जेल में बंद गैंगस्टर टिल्ली ताजपुरिया की मौत को लेकर अभी जांच चल रही है. गैंगस्टर ताजपुरिया दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में गोलीकांड का आरोपी था, जिसे विरोधी गैंग के लोगों ने तिहाड़ जेल में 2 मई को चाकुओं से हमला कर मार डाला था.

सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि जेल में वर्दीधारी कर्मियों के सामने इस गैंगस्टर पर बेरहमी से हमला करते हुए जेल के अन्य कैदियों ने हत्या कर दी, लेकिन उन्होंने कोई दखल नहीं दी.

इस हत्या को लेकर एक जांच शुरू की गई है और कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था. दिल्ली का रहने वाला ताजपुरिया कुख्यात टिल्लू गिरोह का मुखिया था, जिसे 2016 में कई अपराधों में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में था.

कोर्ट से जेल अफसरों को लगी थी फटकार, बरामद चाकू पर किया था सवाल

दिल्ली हाई कोर्ट ने तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को न रोक पाने में विफल रहने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों को फटकार लगाई थी और जेल में चार चाकू बरामद होने के संबंध में जेल अधिकारियों से जवाब तलब किया था.

ताजपुरिया को कथित तौर पर प्रतिद्वंद्वी गोगी गिरोह के चार सदस्यों- दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान ने 2 मई को सुबह मार डाला था. आरोपियों ने उस पर ’92 बार’ देसी हथियारों से वार किया था.

अदालत ने जेल के अधिकारियों से पूछा था कि जेल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों में जब पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई थी, तब उस वक्त अधिकारियों ने कोई निवारक कार्रवाई क्यों नहीं की.

हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों को हलफनामा दाखिल करके यह भी बताने को कहा था कि जेल में चार चाकू कैसे पाए गए . साथ उसने संबंधित जेल अधीक्षक को अगली सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के भी निर्देश दिए थे.

गौरतलब है कि गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के वक्त तिहाड़ जेल में ड्यूटी पर तैनात तमिलनाडु विशेष पुलिस (टीएनएसपी) के सात कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और उन्हें घटना के वक्त कथित तौर पर मूकदर्शक बने रहने के लिए वापस तमिलनाडु भेज दिया था.


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