महाकुंभ नगर, 31 जनवरी (भाषा) पूर्व अभिनेत्री एवं हाल ही में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर बनाई गईं ममता कुलकर्णी को लेकर अब अखाड़े के कथित संस्थापक ऋषि अजय दास ने आपत्ति जताते हुए किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को ही पदमुक्त करने की शुक्रवार को घोषणा कर दी।
अजय दास ने शुक्रवार को अपने शिविर में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करके कहा कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से मुक्त किया जाता है। उन्होंने कहा, “त्रिपाठी ने सनातन धर्म और देश हित को दरकिनार करके देशद्रोह जैसे मामले में लिप्त ममता कुलकर्णी को अखाड़े की परंपरा का अनुपालन किए बगैर सीधे महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक कर दिया।”
इस संवाददाता सम्मेलन के कुछ ही देर बाद किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी संवाददाता सम्मेलन किया जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “जो भी मेरे बोर्ड और मेरे सिस्टम में होगा, वही मुझे निकाल सकता है।”
त्रिपाठी ने कहा, “ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर हैं और बनी रहेंगी। उनके खिलाफ अब कोई आरोप नहीं है और सारे मामले रद्द किए जा चुके हैं। हमारी कानूनी टीम अजय दास के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए पहल करेगी।”
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “जिस व्यक्ति (ऋषि अजय दास) को हमने 2017 में मुक्त कर दिया, और वह गृहस्थ जीवन जीने लगे और 2016 के उज्जैन कुंभ में किन्नर अखाड़े का सारा पैसा उन्होंने गबन कर दिया। 2019 के प्रयागराज कुंभ में किन्नर अखाड़ा का जूना अखाड़ा से अनुबंध हुआ और महंत हरि गिरि को हमने अपना गुरु बनाया।”
त्रिपाठी ने कहा, “हम अपने गुरु के चेले हैं… वह ऋषि अजय दास लिखते हैं, अर्चना दास से उनकी शादी हुई और कनक उनकी बेटी का नाम है। पायलट बाबा के शिविर में किन्नर अखाड़ा के बारे में निर्णय करने वाले वह कौन होते हैं।”
त्रिपाठी ने कहा, “अगर ऋषि अजय दास संस्थापक होते तो यहां (किन्नर अखाड़ा) होते। हमारे अखाड़े के संविधान में नर, नारी सभी को अखाड़े में शामिल करने का प्रावधान है। किन्नर अखाड़े के संस्थापकों में मैं, दुर्गादास और देशभर से 22 संगठन शामिल हैं।”
इससे पूर्व, किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी मां ने बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर नियुक्त किए जाने पर सवाल उठाया था और कहा था कि ‘‘किन्नर अखाड़े ने प्रचार पाने के लिए ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया है, समाज उनके अतीत को अच्छी तरह जानता है।’’
हिमांगी सखी ने यह भी कहा था कि ‘‘किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया। अगर हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है।’’
उल्लेखनीय है कि 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य किन्नर महामंडलेश्वरों की उपस्थिति में ममता कुलकर्णी सहित छह नए महामंडलेश्वरों का पट्टाभिषेक किया गया था। ममता कुलकर्णी को नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया था।
भाषा राजेंद्र अमित
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