भोपाल: मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति पद का हिंदी नाम ‘कुलपति’ से बदलकर ‘कुलगुरु’ करने पर विचार कर रही है.
यादव ने पत्रकारों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कहा कि जिला कलेक्टर को हिंदी में जिलाधीश कहा जाता था और यह शब्द एक राजा की तरह लगता था. उन्होंने कहा, ‘यदि हम कुलगुरु कहते हैं तो यह कुलपति से अधिक अपना लगता है.’
उन्होंने कहा कि उनके विभाग ने कुलपति का नाम हिंदी में बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि नाम बदलने का प्रस्ताव जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद की बैठक में पेश किया जाएगा यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो प्रस्ताव को लागू किया जाएगा.
उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट के अनुसार मध्यप्रदेश में आठ पारंपरिक विश्वविद्यालय हैं. इसके अलावा एक अलग अधिनियम के तहत और अन्य विभागों द्वारा 17 विश्वविद्यालय (पत्रकारिता, इंजीनियरिंग और खुले पाठ्यक्रमों सहित) स्थापित किए गए हैं.
इसके अलावा मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अनुसार राज्य में 32 निजी विश्वविद्यालय भी चलाए जा रहे हैं. प्रदेश में दो केंद्रीय विश्वविद्यालय भी हैं.
यादव ने यह भी बताया कि केंद्र की नयी शिक्षा नीति के अनुसार उनके विभाग द्वारा ‘नई नीति के तहत हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण’ के तहत 131 पाठ्यक्रमों को लागू किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में अगले साल क्यों हो सकते हैं विधानसभा चुनाव?