बेंगलुरु, 17 फरवरी (भाषा) ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने और राष्ट्रीय ध्वज पर उनके बयान के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज करने की कांग्रेस सदस्यों की मांग को लेकर कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार को हंगामा जारी रहा।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को ‘‘तार्किक अंत’’ तक ले जाने के लिए लगातार विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। हालांकि ईश्वरप्पा ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
ईश्वरप्पा ने कहा कि उनके किसी भी कारण से इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता और वह एक देशभक्त हैं जो आपातकाल के दौरान जेल गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें विरोध करने दें, मैं नहीं हटूंगा।’’ उन्होंने कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के प्रमुख डी. के. शिवकुमार से इस्तीफा देने की मांग की और उन पर और उनकी पार्टी पर विरोध प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय ध्वज का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया।
ईश्वरप्पा ने हाल में दावा किया था कि ‘भगवा ध्वज’ भविष्य में राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है और इसे लाल किले की प्राचीर पर फहराया जा सकता है।
हालांकि उन्होंने कहा था कि तिरंगा अब राष्ट्रीय ध्वज है, और इसका सभी को सम्मान करना चाहिए।
सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस सदस्य अपना विरोध जताने के लिए अध्यक्ष के आसन के निकट आ गये। कांग्रेस सदस्यों ने ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए नारे लगाने शुरू कर दिये, उन्हें ‘‘देशद्रोही’’ कहा।
अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी के बार-बार अनुरोध के बावजूद कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल जारी रहा। प्रश्नकाल के बाद, अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता सिद्धारमैया को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने अपनी बात नहीं रखी और कांग्रेस विधायकों के साथ विरोध करना जारी रखा।
हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्र तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा में अध्यक्ष ने बुधवार को कांग्रेस के उस स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया था जिसमें ईश्वरप्पा की बर्खास्तगी और उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई थी।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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