नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार के पहले वाले और अभी के बिल में बहुत अंतर है. सरकर सबसे बात करने का जो दावा कर रही है उससे हम सहमत नहीं हैं. इतिहास इसको कैसे दखेगा यह समय बताएगा.किसी भी राजनीतिक पाटी का घोषणा पत्र देश का संविधान नहीं हो सकता है.
शर्मा ने कहा सरकर को इस बिल को लाने में इतनी जल्दबाजी क्यों हो रही है. इसको पहले संसदीय कमेटी के पास भेजा चाहिए था और फिर सदन में लाना चाहिए था. पिछले 72 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है. यह बिल संवैधानिक, नैतिक आधार पर गलत है. यह संविधान की प्रस्तावना के खिलाफ है और लोगों को बांटने वाला है. 1955 में आए सिटिजनशिप एक्ट जिसमें 9 बार बदलवा किए गए, लेकिन संविधान का इससे कोई टकराव नहीं हुआ.
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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भारत के संविधान में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया है. बंटवारे के बाद जो लोग यहां आए उन्हें सम्मान मिला है. पाकिस्तान से आए दो नेता भारत के पीएम भी बने हैं. उन्होंने कहा टू नेशन थ्योरी कांग्रेस पार्टी ने नहीं, सावरकर ने हिंदू महासभा की बैठक में दी थी. गृहमंत्री ने बंटवारे का आरोप उन कांग्रेसी नेताओं पर लगाया जिन्होंने जेल में वक्त गुजारा. ये राजनीति बंद होनी चाहिए.
आनंद शर्मा ने कहा, ‘इतिहास बदलने की कई लोगों ने कोशिश की लेकिन बदल नहीं पाए. कभी न कभी जब परिवर्तन होता है तो सच और इतिहास खुद को प्रचंड तौर पर प्रकट करता है. उन्होंने कहा कि दो देशों की थ्यौरी कांग्रेस ने नहीं अहमदाबाद में 1937 में हिंदू महासभा ने प्रस्ताव लाया था था, अध्यक्षता वीर सावरकर ने की थी. इसके एक साल बाद 1938 में मुस्लिम लीग के अधिवेशन में पार्टिशन ऑफ इंडिया का प्रस्ताव पेश किया गया.’
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने टू नेशन थ्योरी का विरोध किया था. उसे बैन भी कर दिया गया था. हिंदू महासभा, मुस्लिम लीग ने दो देशों की थ्योरी का समर्थन किया था. हिंदुस्तान का बंटवारा अंग्रेजों की वजह से हुआ कांग्रेस की वजह से नहीं. इस तरह का नया इतिहास मत लिखिए.
उन्होंने कहा अटल जी भी देश के पीएम रहे हैं. क्या उन पर भी सवाल खड़ा करेंगे. नागरिकता देते वक्त संसद ने धर्म को आधार नहीं बनाया. यह बिल आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है. सरकार का यह बिल संविधान की परीक्षा में फेल है. भारत ने सदियों से लोगों को शरण दी है.
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कांग्रेस नेता ने कहा असम में आज बच्चे सड़क पर क्यों है, जो डिटेंशन सेंटर बनाया गया है वहां पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा जाना चाहिए. आज पूरा असम जल रहा है. उनके मन में असुरक्षा का भाव है. आपकी सरकार देश में एनआरसी लागू करने की बात कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमने सुना है हमारे धर्म में लोग पुनर्जन्म को मानते हैं. अगर सरदार पटेल आज पीएम मोदी से मिलते तो बहुत नाराज होते. गांधी तो दुखी होंगे ही कि मेरी 150वीं जयंती मना रहे हैं. गांधी का चश्मा और नाम केवल विज्ञापन के लिए नहीं है. उनके चश्मे से हिंदुस्तान, समाज और मानवता को देखिए.