नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा)कांग्रेस ने ओडिशा के बालासोर जिले में कथित यौन उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई नहीं होने पर झुब्ध होकर कॉलेज परिसर में खुद को आग लगाने की घटना को ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार देते हुए रविवार को कहा कि पूरे भारत में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं, खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पीड़िता के बजाय आरोपी के साथ खड़े होने की प्रवृत्ति के कारण।
पुलिस ने बताया कि बालासोर जिले के एक कॉलेज की छात्रा ने शनिवार को कथित तौर पर संस्थान परिसर में खुद को आग लगा ली और 90 प्रतिशत तक जल गई है। छात्रा ने एक शिक्षक के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
खुद को आग लगाने वाली छात्रा को बचाने का प्रयास करने के दौरान एक अन्य छात्र भी झुलस गया है और दोनों को जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि यह एक ‘‘राष्ट्रीय त्रासदी’’ है कि ओडिशा में एक युवती को अपने कॉलेज के विभागाध्यक्ष द्वारा लगातार यौन उत्पीड़न का सामना करने के बाद खुद को आग लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
खेड़ा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘उसने अनौपचारिक रूप से प्राचार्य से, औपचारिक रूप से आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) से, और सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मदद की गुहार लगाई। फिर भी, उसकी शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा के एक सांसद ने विभागाध्यक्ष के निलंबन की मांग की थी, लेकिन कॉलेज के प्राचार्य ने उनकी मांग को भी अनसुना कर दिया।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘इस तरह, डबल इंजन सरकार को एक क्रूर मजाक कहना सही होगा। क्योंकि यह सत्तारूढ़ पार्टी के किसी स्थानीय सांसद को भी इतना सशक्त नहीं बनाती कि वह इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामले में किसी कॉलेज के प्राचार्य को कार्रवाई के लिए कह सके।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘यह संस्थागत उदासीनता है, लेकिन इससे भी अधिक, यह आपराधिक मिलीभगत है। दोषी विभागाध्यक्ष को एक महिला को आत्मदाह के लिए मजबूर करने के लिए कानून का सामना करना चाहिए, लेकिन प्राचार्य और आईसीसी को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए – न केवल लापरवाही के लिए, बल्कि उकसाने के लिए भी।’’
उन्होंने कहा कि गौर करने की बात है कि पीड़िता भाजपा शासित राज्य में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पदाधिकारी थी।
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि यदि उनके अपने कार्यकर्ता का यह हाल है तो ओडिशा और अन्य स्थानों पर सत्ता की पहुंच से दूर रहने वाली सामान्य महिलाएं क्या उम्मीद कर सकती हैं?
खेड़ा ने कहा, ‘‘यह सभी ‘मोदी भक्तों’ के लिए एक चेतावनी है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ केवल मीडिया का दिखावा है। अपने दैनिक जीवन में, भारत भर में महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। खासकर सत्तारूढ़ पार्टी की पीड़िता के बजाय आरोपी के साथ खड़े होने और बलात्कारियों के बजाय बलात्कारियों को बचाने की प्रवृत्ति के कारण।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें स्वयं से पूछना चाहिए, क्या यही वह भारत है जिसे हम अपनी महिलाओं के लिए बनाना चाहते हैं?’’
पुलिस ने बताया कि बाद में छात्रा को बेहतर इलाज के लिए भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रेफर कर दिया गया। उसने बताया कि छात्रा का इलाज करने के लिए 12-सदस्यीय चिकित्सकों की टीम गठित की गई है।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना शनिवार दोपहर तब हुई जब पीड़ित छात्रा ने बालासोर स्थित फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष से मुलाकात की। उसने पहले शिक्षा शास्त्र के सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी और मामले में कार्रवाई की मांग की थी।
ओडिशा सरकार ने महिला छात्रा द्वारा आत्मदाह के प्रयास पर संज्ञान लेते हुए कॉलेज के प्राचार्य और शिक्षा विभाग के प्रमुख को निलंबित कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि महिला कॉलेज में एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा है। उसने शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक हफ्ते तक कॉलेज परिसर में धरना भी दिया था।
भाषा धीरज नरेश
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