अहमदाबाद, 21 जनवरी (भाषा) कांग्रेस की गुजरात इकाई ने शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर कोविड-19 महामारी का प्रबंधन करने में विफल रहने और राज्य में मौतों की संख्या और जांच के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया।
विपक्षी दल ने गुजरात को प्रभावित करने वाली कोविड-19 ‘‘सुनामी’’ की श्रृंखला को तोड़ने के लिए पांच दिनों यानि 26 जनवरी तक के लिए गतिविधियों को बंद करने जैसे सख्त नियंत्रण उपायों को लागू करने की मांग की।
कांग्रेस ने साथ ही यह भी मांग की कि राज्य सरकार गांवों, अस्पतालों और श्मशानों से मृतकों के वास्तविक आंकड़े एकत्र करे और मृत व्यक्तियों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान करे।
कांग्रेस की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार ‘‘कोविड-19 सुनामी’’ को हल्के में ले रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर शनिवार, रविवार और 26 जनवरी सहित पांच दिनों के बंद की घोषणा करके सख्त नियंत्रण लगाया जाता है, तो यह कोविड-19 प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने में मदद कर सकता है।’’
पटेल ने कहा, ‘‘हालांकि, भाजपा सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के कारण, गुजरात के नागरिक पीड़ित हैं। भाजपा सरकार कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह से विफल रही है और मौत और जांच के आंकड़ों को छिपाने का सहारा ले रही है।’’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा, ‘‘वैश्विक महामारी के दौरान उचित स्वास्थ्य देखभाल, उपचार और अन्य सुविधाएं मिलने की लोगों की उम्मीद धराशायी हो गई है। सरकार जांच, मौतों, संक्रमित लोगों आदि से संबंधित आंकड़ों को छिपाने के प्रयास कर रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि अयोग्य प्रशासन और आपराधिक लापरवाही के कारण गुजरात में अब तक कोविड-19 से तीन लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
ठाकोर ने दावा किया, ‘‘हालांकि राज्य में तीन लाख से अधिक लोग अस्पताल के बिस्तर, ऑक्सीजन और दवाओं सहित स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन भाजपा सरकार ने केवल 10,000 का आंकड़ा दिया है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया है कि कोविड-19 से मरने वाले लोगों के परिजनों को 50,000 रुपये के सरकारी मुआवजे के लिए 91,810 आवेदनों में से 58,840 आवेदन स्वीकार किए गए हैं, लगभग 11,000 पर विचार किया जा रहा है और 15,000 लंबित हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार की अनिच्छा के कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा बार-बार नसीहत देने के बाद ही यह मौत का आंकड़ा सामने आया।’’
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सरकार मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए कृतसंकल्प होती, तो वह ग्राम सभाओं और अस्पतालों और श्मशानों से ग्राम स्तर पर वास्तविक आंकड़े एकत्र कर सकती थी।
इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा ने विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए इसे ‘सस्ते प्रचार’ का प्रयास बताया।
भाजपा नेता रुतविज पटेल ने कहा कि सरकार और सत्तारूढ़ दल यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को मजबूत करके और टीकाकरण के लिए अधिकतम पात्र लाभार्थियों को कवर करके जनता को महामारी के कारण नुकसान न उठाना पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही कोविड-19 संकट के दौरान लोगों के साथ मजबूती से खड़े रहे हैं।’’
भाजपा की गुजरात इकाई के सह प्रवक्ता पटेल ने कहा, ‘‘पार्टी के सदस्य लोगों का समर्थन करने के लिए उनके साथ काम कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस बिना तथ्यों के सस्ते प्रचार के लिए आरोप लगा रही है।’’
भाषा अमित दिलीप
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