नयी दिल्ली : अयोध्या के राम मंदिर परिसर के आस पास नेताओं और अधिकारियों द्वारा जमीनों की खरीद मामले में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने सामने है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में कुछ नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जमीन की कथित तौर पर खरीद करने के मामले में जांच का आदेश दिया है.
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार रात यह जानकारी दी.
इससे पहले, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेताओं तथा उत्तर प्रदेश शासन के कुछ अधिकारियों ने अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास की जमीनों को औने-पौने दाम पर खरीदा है तथा जमीन की यह ‘लूट’ साल 2019 में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद की गई है.
इस मामले पर लखनऊ में अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने बताया, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने को कहा है.’
उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अयोध्या में जमीन की कथित खरीद से जुड़ी खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘हिंदू सत्य के रास्ते पर चलता है हिंदुत्ववादी धर्म की आड़ में लूटता है.’
पार्टी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चंदे की लूट’ और ‘जमीन की लूट’ पर जवाब देना चाहिए तथा पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए.
उन्होंने दिल्ली में संसद परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कुछ विधायकों और स्थानीय प्रशासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का उल्लेख किया और दावा किया कि भाजपा के लोगों ने ‘रामद्रोह’ किया है जिसके लिए वे ‘पाप और शाप’ के भागी हैं.
कांग्रेस के इस दावे पर फिलहाल भाजपा तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
सुरजेवाला ने कहा, ‘पहले मंदिर के नाम पर चंदे की लूट की गई और अब संपत्ति बनाने की लूट हो रही है. साफ है कि भाजपाई अब रामद्रोह कर रहे हैं. जमीन की सीधे लूट मची हुई है. एक तरफ आस्था का दीया जलाया गया और दूसरी तरफ भाजपा के लोगों द्वारा जमीन की लूट मचाई गई है.’
उन्होंने दावा किया, ‘अब नया खुलासा हुआ है कि निर्माणधीन राम मंदिर के निकट की जमीनें भाजपा के विधायकों, महापौर, ओबीसी आयोग के सदस्य और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा औने-पैमाने दाम पर खरीद ली गई हैं. यहां तक कि दलितों की जमीनों को भी हड़प लिया गया है. राम मंदिर मामले को लेकर न्यायालय का फैसला आने के बाद यह सब किया गया.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘ भगवान श्रीराम आस्था, विश्वास, मर्यादा और सनातन के प्रतीक हैं. लेकिन भाजपा के लोग उनके नाम पर भी लूट का धंधा चला रहे हैं. प्रधानमंत्री जी बताएं कि आप अपना मुंह कब खोलेंगे? प्रधानमंत्री को यह भी बताना चाहिए कि (वह) चंदे की लूट और जमीन की लूट की जांच कब कराएंगे?’
खड़गे ने सदन में मामला उठाने की कोशिश की
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद नेताओं और अधिकारियों द्वारा वहां जमीन की खरीददारी का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में उठाने की कोशिश की. हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी.
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, विपक्ष के नेता खड़गे ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की. हालांकि नायडू ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया और आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए.
इसके बाद उन्होंने खड़गे से पूछा कि आप कौन सा मुद्दा उठाना चाह रहे थे?
खड़गे ने हाथों में एक अखबार लेकर अभी बोलना आरंभ ही किया था कि नायडू ने उन्हें टोका और पूछा कि पहले आप मुद्दा बताएं?
खड़गे ने कहा, ‘आपने (सभापति) आज के इंडियन एक्सप्रेस में देखा होगा जिसमें एक रिपोर्ट छपी है कि विधायकों, महापौर, आयुक्त के संबंधी, एसडीएम, डीआईजी और अधिकारियों ने जमीन खरीदें…’
नायडू ने कहा कि वह अखबार ना पढ़ें. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले को उठाने के लिए नोटिस देना पड़ता है.
इस पर खड़गे ने कहा, ‘मैं अपने नोट्स पढ़ रहा हूं.’ इसके बाद खड़गे के समर्थन में कांग्रेस के अन्य सदस्य अपने-अपने स्थानों पर खड़े हो गए.
हालांकि नायडू ने उन्हें इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी और थोड़ी देर बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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