scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमदेशकर मामलों का निपटान करने में कंपनियों को भारत सरकार से क्षतिपूर्ति का करना होगा वादा

कर मामलों का निपटान करने में कंपनियों को भारत सरकार से क्षतिपूर्ति का करना होगा वादा

ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी और वोडाफोन समूह जैसी कंपनियों को अपनी पिछली तारीख से कर निर्धारण के मामले को निपटाने के लिए भारत सरकार को भविष्य में नुकसान के दावों के संदर्भ में भरपाई करने का भरोसा देना होगा.

Text Size:

नई दिल्ली: ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी और वोडाफोन समूह जैसी कंपनियों को अपनी पिछली तारीख से कर निर्धारण के मामले को निपटाने के लिए भारत सरकार को भविष्य में नुकसान के दावों के संदर्भ में भरपाई करने का भरोसा देना होगा. सरकार ने पिछली तारीख़ के टैक्स विवादों को निपटान के लिए अधिसूचित नियमों में यह व्यवस्था की है.

वित्त मंत्रालय ने एक अक्टूबर को अधिसूचित नियमों के अनुसार इन कंपनियों द्वारा भविष्य के दावों की क्षतिपूर्ति का वादा किए जाने के बाद सरकार 2012 की पिछली तिथि के टैक्स कानून का इस्तेमाल कर की गई टैक्स मांग को वापस ले लेगी. वहीं इस टैक्स मांग के जरिए सरकार ने कंपनियों से जो भी रकम जुटाई है उसे वापस किया जाएगा.

नियमों के मुताबिक कंपनियों को उनकी राशि के भुगतान में कम से कम दो से तीन महीने का समय लगेगा.

कंपनियों को सरकार के खिलाफ दायर किसी भी मुकदमे या किसी मंच पर लंबित प्रक्रिया को वापस लेना होगा. साथ ही कंपनियों को वादा करना होगा कि वह भविष्य में इस तरह का कोई दावा नहीं करेंगी.

इसके साथ ही कंपनियों या संबंधित पक्षों को सरकार के सामने यह बॉन्ड भी देना होगा कि वह भारत सरकार या उनसे जुड़ी इकाइयों से किसी तरह की भरपाई की मांग नहीं करेंगे. कंपनियों को बॉन्ड के अलावा आयकर विभाग के समक्ष बोर्ड की मंजूरी के साथ इस बारे में सरकार के सामने घोषणा भी देनी होगी.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

नियमों के अनुसार, कंपनियों को सभी तरह की लंबित कानूनी प्रक्रियाएं वापस लेने का हलफनामा सरकार को 45 दिन में सौंपना होगा.

इसके बाद संबंधित आयकर प्रधान आयुक्त को आवेदन मिलने के बाद 15 दिन में इसे स्वीकार करने का प्रमाणपत्र देना होगा या इसे खारिज करने का आदेश पारित करना होगा.

एक कर विशेषज्ञ ने कहा कि यह प्रमाणपत्र मिलने के बाद कंपनियों के पास सभी संबंधित पक्षों से क्षतिपूर्ति के वादे की शर्त को पूरा करने के लिए 60 दिन का समय होगा. उसके बाद कंपनियों को राहत देने का आदेश 30 दिन के अंदर दिया जाएगा. इसके बाद ही रिफंड की प्रक्रिया शुरू होगी जिसमें कम से कम 10 दिन का समय लगेगा.

कर विशेषज्ञ का कहना है कि अगर कंपनियां इस समयसीमा को कम भी करें तो भी फॉर्म 1 के तहत सरकार के पास ब्यौरा जमा कराने में 15 दिन का समय लगेगा क्योंकि यह काफी जटिल प्रक्रिया है.

उन्होने कहा कि अगर कंपनियों द्वारा इस पूरी प्रक्रिया को तेजी से भी निपटाया जाता है, तो भी उन्हें रिफंड पाने में कम से कम दो से तीन महीना का समय लगेगा.

पिछली तारीख से कर कानून के जरिए सरकार की 1.2 अरब डॉलर की टैक्स मांग के मामले में केयर्न एनर्जी को आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल में जीत मिली थी. उसके बाद अगस्त में सरकार ने पिछली तिथि के सभी टैक्स मामलों को वापस लेने के लिए इस कानून में संशोधन किया था.

इस कर मांग के जरिए सरकार ने विभिन्न कंपनियों से 8,100 करोड़ रुपए जुटाए थे, जिसे वह अब वापस लौटाएगी. इसमें से 7,900 करोड़ रुपए अकेले केयर्न को लौटाए जाने हैं.

share & View comments