देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आगामी 22 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को खत्म करने के आदेश दिए हैं.
चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर यहां एक बैठक में धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चारों धामों के दर्शन के लिए जाने वाले स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए.
धामों के तीर्थ-पुरोहित पिछले काफी समय से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं खासतौर से स्थानीय तीर्थयात्रियों के पंजीकरण को समाप्त करने की मांग कर रहे थे.
22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी. इसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.
व्यवस्थित, सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए पुलिस द्वारा भीड़ प्रबंधन के लिए समुचित व्यवस्था की जाए.
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से जो भी आवश्यक जानकारी लेनी है, केवल एक बार राज्य के प्रवेश बिंदु पर ली जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो.
उन्होंने यात्रा मार्ग में आने वाले पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों के रहने एवं सोने की व्यवस्था करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये.
उन्होंने चारधाम यात्रा के लिए ‘यात्रा मित्र’ के तौर पर कुछ स्थानीय लोगों को रखने के निर्देश भी दिए .
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